मुंबई: एस्सेल ग्रुप (Essel Group) के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के CEO पुनीत गोयनका पर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) ने सोमवार को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा है कि किसी लिस्टेड कंपनी या उसकी सब्सिडियरी में डायरेक्टर या प्रमुख प्रबंधकीय पद पर रहने पर रोक लगा दी है. बता दें सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका दोनों बाप-बेटा है और दोनों पर आरोप है कि उन्होंने लिस्टेड कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) और एस्सेल ग्रुप की दूसरी लिस्टेड कंपनियों से अपने फायदे के लिए फंड्स की हेराफेरी की है .
सेबी ने अपने आदेश में ये भी कहा कि जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज को ये ऑर्डर 7 दिनों के अंदर अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सामने रखना चाहिए. आगे सेबी ने दोनो को अपना जवाब या आपत्ति दर्ज कराने के लिए 21 दिनों का समय दिया है.
सेबी ने 16 पन्नों के अपने आदेश में 2019 में जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज के 2 स्वतंत्र डायरेक्टर्स ने ये आरोप लगाते हुए बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था कि जी एंटरटेनमेंट के एक फिक्स्ड डिपॉजिट का इस्तेमाल गलत तरीके से एस्सेल ग्रुप की दूसरी कंपनियों के लोन को चुकाने में किया गया. इसको लेकर सेबी ने मामले की जांच की. उसके बाद ये आदेश जारी की है.
सेबी की जांच में पाया गया है कि सुभाष चंद्रा एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन हैं, उन्होंने 4 सितंबर 2018 को यस बैंक को एक लेटर ऑफ कंफर्ट (LoC) जारी किया था. ये एलओसी, एस्सेल ग्रुप की दूसरी कंपनियों की लोन की गारंटी के तौर पर यस बैंक को दिया गया था.
इस लेटर में लिखा था कि एस्सेल ग्रीन मोबिलिटी पर जो 200 करोड़ रुपये का लोन है उसके बदले ग्रुप की किसी कंपनी की तरफ से यस बैंक में 200 करोड़ रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट रखा जाएगा. क्लियर शब्दो में लिखा था कि डिफॉल्ट की स्थिति में यस बैंक इस FD को लोन के बदले एडजस्ट कर सकता है.
एलओसी में लिखा था जिससे यस बैंक ने एस्सेल ग्रुप की कुछ कंपनियों को दिए लोन के बदले में जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज की 200 करोड़ रुपये की FD को एडजस्ट कर लिया. बाद में जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज ने सेबी को ये जानकारी दी थी कि ग्रुप कंपनियों ने जी एंटरटेनमेंट को ये पैसे लौटा दिए हैं लेकिन सेबी की जांच में ये पता चला कि ये फंड्स जी एंटरटेनमेंट समेत ग्रुप की अन्य लिस्टेड कंपनियों से ही एक लंबा रूट लेकर वापस जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज लिमिटेड के खाते में आए थे सेबी के आदेश में लिखा है कि फंड्स की हेराफेरी, बेहद सुनियोजित तरीके से की जा रही थी. कुछ मामलों में तो ये भी देखा गया कि ट्रांजैक्शंस को घुमाने के लिए 13 संस्थायों का उपयोग में लिया गया. सेबी के जांच में सामने आया कि जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज लिमिटेड और दूसरे लिस्टेड कंपनियों से 143.90 करोड़ रुपये को अलग-अलग कंपनियों से घुमाते हुए जी एंटरटेनमेंट इंटरप्राइजेज लिमिटेड के खाते में वापस पहुंचाया गया. बाकी बचे फंड के लिए सेबी की जांच जारी है.