नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के आठ राजनीतिक दलों के 14 नेताओं के साथ बैठक की. इस सर्वदलीय बैठक में राज्य के विशेष दर्जे, परिसीमन में बदलाव, चुनाव और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि पीएम मोदी ने बहुत ही बढ़िया बैठक आयोजित की. उन्होंने कहा कि इस बैठक में कश्मीर के सभी वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया. पीएम ने कहा कि कश्मीर के सभी लोग मेरे दिल में बसते हैं. कश्मीर के विकास और भलाई के लिए काम करेंगे. वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा खत्म कर जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह राज्य का दर्जा वापस दिया जाए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर कैडर के साथ उसे राज्य का दर्जा दिया जाए. अब्दुल्ला ने कहा कि परिसीमन की जरूरत नहीं है. हम अपनी अदालत में लड़ाई जारी रखेंगे. अब्दुल्ला ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया शंका पैदा करती है. लोगों को अपनी सरकार चुनने की आजादी होनी चाहिए. बड़े तौर पर यही बातें पीएम के साथ बैठक में उठाई गई. उन्होंने बताया कि पीएम और गृह मंत्री ने कहा कि राज्य का दर्जा देना और जल्द से जल्द चुनाव कराना वो चाहते हैं. जबकि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर के लोग जो मुसीबतें सह रहे हैं. 5 अगस्त 2019 के बाद गुस्से में है, नाराजगी में हैं. मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर में जिस तरीके से 370 को हटाया गया वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को मंजूर नहीं है. बीजेपी ने गैरकानूनी तरीके से हटाया गया है. उन्होंने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में 370 बहाल करेंगे, ये हमारी पहचान की बात है, जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हमें खुद दिया था. मुफ्ती ने कहा कि चीन के साथ बात कर रहे हैं, जहां लोगों का कोई इन्वॉलमेंट नहीं है, पाकिस्तान के साथ सीजफायर कराया, घुसपैठ कम कराया, कश्मीर के लोगों को सुकून मिलता है तो आपको फिर पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो सख्ती है, उसे बंद करनी चाहिए. वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाब नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने बैठक में कांग्रेस की तरफ से पांच मांगें रखी हैं. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज जो मीटिंग हुई. हमने कांग्रेस की तरफ से कई सारी बातें की हैं. राज्य को बंटवारा नहीं होना चाहिए. चुने हुए लोगों से पूछे हुए किया गया. अंत में तमाम चीजों को कहने के बाद 5 बड़ी मांगें सरकार के सामने रखी. आजाद ने बताया कि उनकी पहली मांग है कि, राज्य का दर्जा वापस दिया जाए. सदन के अंदर गृह मंत्री और पीएम ने यह आश्वासन दिया था कि हम राज्य का दर्जा बहाल करेंगे एक समय पर. हमने कहा कि समय आ गया है, शांति है सीजफायर भी है. इससे ज्यादा अनुकूल समय नहीं हो सकता है.
दूसरी मांग को लेकर उन्होंने कहा, ‘हम लोगों ने ये भी मांग की है, लोकतंत्र को मजबूत करना है, पंचायत और जिला परिषद के चुनाव किए और अब विधानसभा का चुनाव भी तुरंत हो.’
आजाद ने तीसरी मांग को लेकर बताया कि डोमिसाइल रूल थे. जमीन का रूल हमारे महाराजा के समय से था, बाद में नौकरी का भी थी. केंद्र सरकार को ये गारंटी देना चाहिए कि जब वो बिल लाएगी तो नौकरी की गारंटी देनी चाहिए.
कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि, कश्मीरी पंडित 30 साल से बाहर है बहुत सारे, जम्मू और कश्मीर में हैं. अधिकतर बाहर हैं, कश्मीर के हरेक राजनीतिक दल और नेता की मौलिक जिम्मेदारी है कि वे कश्मीर के पंडितों को वापस लाए और उनको बसाने में सरकार की मदद करें.
आखिरी मांग के तौर पर आजाद ने कहा कि 5 अगस्त स्टेट के दो हिस्से किए गए उस पर भी विचार किया जाए. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लगभग 80% पार्टियों ने अनुच्छेद 370 पर बात की लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि हमारी मांगों में शीघ्र पूर्ण राज्य का दर्जा, लोकतंत्र बहाल करने के लिए चुनाव, कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाना और भूमि, रोजगार की गारंटी शामिल है. कवींद्र गुप्ता ने कहा कि बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आने वाले समय में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू होने वाली है. चुनाव भी परिसीमन प्रक्रिया के बाद होगा. वहां एक बार फिर विधानसभा का गठन होगा. गुप्ता ने कहा कि प्रक्रिया लागू हो जाएगी, लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें एक प्रतिनिधि मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया गया है. यह सोचा भी नहीं जाना चाहिए कि उसे वापस कभी लागू नहीं किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री रहे निर्मल सिंह ने कहा कि खुलकर बातें हुई हैं. उन्होंने कहा कि पीएम ने कश्मीर के विकास के लिए आगे बढ़ने की बात कही है. सभी लोगों ने अपनी बात रखी. सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि कश्मीर में आने वाले वक्त में चुनाव हो, लोकतंत्र की बहाली हो. निर्मल सिंह ने कहा कि लगभग सभी राजनीतिक दल इस बात पर सहमत हुए कि जम्मू-कश्मीर में शांति होनी चाहिए और वहां लोकतांत्रिक तरीके से सरकार आनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पीएम ने सभी नेताओं से अपील की कि शांति तभी होगी, जब सभी मिलकर काम करेंगे.