नई दिल्ली: पहलवानों का करीब डेढ़ महीने से चल रहे आंदोलन के बाद साक्षी मालिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया आज से अपनी जिम्मेदारीवाली नौकरी रेलवे में वापस लौट गये है. डब्लूएफआई के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. इंसाफ की मांग कर रहे थे. कुछ न्यूज़ चैनल फेक न्यूज़ चला रहे थे कि रेस्लेर आंदोलन से पीछे हट गये है. लेकिन इन बातों साक्षी मलिक ने खंडन किया है. उनका कहना है कि पहलवानों के आंदोलने से पीछे हटने की खबर झूठ है. साक्षी ने ट्वीट कर खबरों का खंडन किया.
साक्षी ने ट्वीट में लिखा- इंसाफ मिलने तक जारी रहेगी हमारी लड़ाई
साक्षी मलिक ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘ये खबर बिलकुल गलत है. इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा. सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है. कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए.’
आपको बता दें कि आंदोलन साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में कई पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
पहलवान पिछले 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर 28 मई तक धरना दिया था और 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर संसद के सामने महिला महापंचायत करने का फैसला लिया था.नए संसद के मार्च करने पर दिल्ली पुलिस ने रोका था और घसीट कर किस तरह से अपने हिरासत में ले लिया था. उसी दिन शाम को पहलवानों को छोड़ दिया था. जंतर-मंतर पर जगह खाली करवा दिया था.उसके बाद 30 मई को हरिद्वार में मेडल को गंगा में प्रवाह करने का फैसला लिया था और इस दौरान किसान नेता नरेश टिकैत आ कर रोक लिया और मेडल भी ले लिया था 9 जून तक सरकार को अल्टीमेटम दिया कि बृजभूषण को सरकार गिरफ्तार करें.
पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से शनिवार को मुलकात की थी. उसके बाद रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. सारी घटना को लेकर बातचीत हुई. दोनों केंद्रीय मंत्री ने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि निष्पक्ष से जांच होगी और दोषी को सजा मिलेगी. उसके बाद आज से साक्षी मालिक, विनेश फोगात और बजरंग पुनिया स्पोर्ट कोटे की रेलवे की सरकारी नौकरी पर लौट गये.