पटना: जदयू के अध्यक्ष बनने के बाद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ज्यादा एक्टिव हो चुके हैं. उनकी पहली चिंता जदयू को उसकी पारंपरिक पहचान से छुटकारा दिलाकर उसे राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पहचान दिलाना है. इसी संदर्भ में उन्होंने संवाददाताओं से अपनी मंशा जताई. जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना है. मैंने उत्तर प्रदेश और मणिपुर में पार्टी नेताओं के साथ चर्चा की है. हम एनडीए के भागीदारों के साथ चर्चा करेंगे, अगर वे हमें इन राज्यों में भागीदार नहीं बनाते हैं, तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे. आपको बता दें 31 जुलाई को दिल्ली में जेडीयू ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सांसद ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था. पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष आरसीपी सिंह को हाल ही में केंद्र में इस्पात मंत्री बनाया गया है. अब पार्टी की कमान ललन सिंह के हाथ में सौंप दी गई है. बिहार के मुंगेर संसदीय सीट से मैजूदा सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह नीतीश कुमार के करीबी माने जाते है. सांसद ललन सिंह को जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 31 जुलाई को हुई बैठक में पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया था. आरसीपी सिंह ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपने पद से इस्तीफा दिया और उसके बाद ललन सिंह को जेडीयू के अध्यक्ष पद पर चयन किया गया है. आपको बता दें आरसीपी सिंह केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बन चुके हैं. इसके बाद उन्होंने जेडीयू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें दिया. ललन सिंह मुंगेर से पार्टी के सांसद हैं और बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. ललन सिंह जेडीयू के 18 साल के इतिहास में पहले सवर्ण अध्यक्ष हैं. इससे पहले तीनों अध्यक्ष ओबीसी से थे और माना जा रहा है कि सवर्ण जाति के ललन सिंह का अध्यक्ष पद पर चुनाव कर सवर्ण जाति को अपने पक्ष में लुभाने के लिया बनाया गया है.
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह बोले-जरूरत पड़ी तो उत्तर और मणिपुर प्रदेश में पार्टी अकेले लड़ेगी चुनाव
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