राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपनी ओबीसी सूची तैयार कर सकती, लोकसभा में बिल पारित

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नई दिल्ली: राज्यों को अपनी ओबीसी (OBC) सूची तैयार करने का अधिकार वापस देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को आज लोकसभा से मंजूरी मिल गई. समूचे सदन ने इसके पक्ष में वोट किया. लोकसभा में पक्ष-विपक्ष सभी ने इसके समर्थन में वोट किया. लोकसभा में सरकार ने सोमवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया था, जो राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने के लिए सशक्त बनाता है. निचले सदन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया था. वही उच्चतम न्यायालय ने 5 मई के बहुमत आधारित फैसले की समीक्षा करने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें यह कहा गया था कि 102वां संविधान संशोधन नौकरियों एवं दाखिले में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े (एसईबीसी) को आरक्षण देने के राज्य के अधिकार को ले लेता है. जबकि विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि संविधान 102वां अधिनियम 2018 को पारित करते समय विधायी आशय यह था कि यह सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची से संबंधित है. यह इस तथ्य को मान्यता देता है कि 1993 में सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गो की स्वयं की केंद्रीय सूची की घोषणा से भी पूर्व कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की अन्य पिछड़े वर्गों की अपनी राज्य सूची/ संघ राज्य क्षेत्र सूची हैं. इसमें कहा गया है, ‘यह विधेयक पर्याप्त रूप से यह स्पष्ट करने के लिये है कि राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गो की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने और उसे बनाये रखने को सशक्त बनाता है.’ विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि देश की संघीय संरचना को बनाए रखने के दृष्टिकोण से संविधान के अनुच्छेद 342A का संशोधन करने और अनुच्छेद 338B एवं अनुच्छेद 366 में संशोधन करने की जरुरत है.

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