पटना: आज रविवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की जनता दल यूनाइटेड में विलय प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा की जेडीयू में वापसी हो गई. इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे. उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा को जनता दल राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष घोषित किया. इस विलय़ की सुगबुगाहट पिछले कुछ महीनों से सुनाई दे रही थीं. हालांकि शुरू में कुशवाहा इस पर उठ रहे सवालों का जवाब देने से बचते रहे. लेकिन आज की सियासी गतिविधि के बाद बिहार की राजनीति में इन अटकलों पर विराम लग गया. इससे पहले पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) में शुक्रवार को फूट जानकारी सामने आई थी. पार्टी के विलय पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हम लोगों ने फैसला लिया है कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का काफिला अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करेगा. देश और राज्य की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि हम लोग जदयू के साथ मिलकर काम करेंगे. शुक्रवार को रालोसपा के 30 से अधिक राज्य और जिला स्तर के पदाधिकारी राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गये थे. रालोसपा की राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी की बैठकें शुरू होने से महज एक दिन पहले इस घटनाक्रम ने पार्टी को खासा नुकसान पहुंचाया है. रालोसपा छोड़ने वाले 35 सदस्यों में से अधिकतर बिहार और पड़ोसी सूबे झारखंड के राज्य स्तर के पदाधिकारी हैं. इनमें से अधिकतर पदाधिकारी मुंगेर और पटना जिले से हैं, शिक्षा जैसे मुद्दों पर पिछले कुछ वर्षों में नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ रालोसपा के विरोध को याद करते हुए, राजद नेता तेजस्वी यादव बोले, “शायद कुशवाहा के विचार अब अचानक बदल गए हैं.