लखीमपुर खीरी: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसान लवप्रीत सिंह और नछत्तर सिंह के परिजनों से मुलाकात करने उनके घऱ पहुंचे. इस दौरान उनके साथ पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल मौजूद थे. बुधवार को यूपी प्रशासन ने उन्हें लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दी. सीतापुर से राहुल अपनी बहन प्रियंका के साथ एक वाहन में जबकि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला दूसरे वाहन में रवाना हुए. काफिले में शामिल तीसरी गाड़ी में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गए. राहुल गांधी दिल्ली से लखनऊ और फिर वहां से सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस पहुंचे, जहां पर प्रियंका गांधी को हिरासत में रखा गया था. हालांकि, आज ही उन्हें रिहा कर दिया गया था. इससे पहले दिन में, राज्य सरकार ने राहुल गांधी को यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा था कि किसी को भी हिंसा प्रभावित जिले का माहौल खराब करने के लिए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. लखीमपुर खीरी जाने के लिए लखनऊ हवाई अड्डे पर पहुंचे राहुल गांधी अपने वाहन से जाने की इजाजत नहीं दिए जाने के विरोध में हवाई अड्डा परिसर में कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए. जब राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्होंने कहा कि प्रशासन अब लखीमपुर खीरी जाने से ‘रोक’ रहा है. उन्होंने कहा, “हमें अपनी गाड़ी में लखीमपुर खीरी जाना है लेकिन ये (पुलिस) चाहते हैं कि हम इनके साथ इनकी गाड़ी में जाए. इसका मतलब है कि ये कुछ न कुछ बदमाशी कर रहे हैं इसलिए हम लोग यहां बैठे हुए हैं. ये यूपी सरकार की तरफ से कैसी अनुमति मिली है जब ये लोग मुझे जाने ही नहीं दे रहे हैं.” एक सवाल पर उन्होंने कहा “चाहे मुझे जेल में डाल दिया जाए, चाहे प्रियंका को डाल दिया जाए, कोई मतलब नहीं है. सवाल यह है कि छह लोगों को अपराधियों ने कुचल कर मार दिया. जिन लोगों को जेल में होना चाहिए उन्हें जेल में नहीं डाला जा रहा है. हमें मृतक किसानों के परिवारों से मिलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है.’’