नई दिल्ली: राष्ट्रीय पोलियो दिवस 31 जनवरी को मनाया जा रहा है. वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक दिन पहले ही 2021 के लिए पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की. आमतौर पर इस दिन को पोलियो रविवार के नाम से भी जाना जाता है. खास बात है कि इससे पहले पोलियो कार्यक्रम 17 जनवरी से शुरू होना था, लेकिन 16 जनवरी को शुरू हुए कोविड-19 (Covid-19) वैक्सीन ड्राइव के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया था. राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर अभियान की शुरुआत की. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति कोविंद और प्रथम महिला सविता कोविंद ने पोलियो दिवस की शाम बच्चों को दवा की बूंदें पिलाईं. तीन दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम 2 फरवरी तक जारी रहेगा. पोलियो को हराने के लिए साल में दो बार वैक्सीन प्रोग्राम आयोजित होता है. बयान में जानकारी दी गई कि देश को पोलियो मुक्त करने के लिए सरकार के प्रयासों में 5 साल से कम उम्र के 17 करोड़ बच्चों को पोलियो की बूंदें दी जाएंगी. देशभर में चलने वाले इस अभियान में 24 लाख वॉलिंटियर्स 1.5 लाख सुपरवाइजर्स और डब्ल्युएचओ, यूनिसेफ जैसी कई संस्थाएं मौजूद रहेंगी. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी 2 करोड़ से ज्यादा घरों में पहुंचकर बच्चों को पोलियो की दो बूंदे देंगे. अलग अलग राज्यों इस प्रकार कार्यक्रम रहेंगे जैसे कर्नाटक में रविवार को 64 लाख बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने कहा है कि भले ही बच्चों को पहले वैक्सीन लग गई है, लेकिन उन्हें दोबारा वैक्सीन दिया जाना जरूरी है. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के डफरिन अस्पताल से कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. उत्तराखंड में 39 हजार बच्चों को पोलियो की बूंदें दी जाएंगी. केरल में यह आंकड़ा 25 लाख, तमिलनाडु में 70.26 लाख है. वहीं, पश्चिम बंगाल में 64 लाख से ज्यादा बच्चों को पोलियो का टीका लगाया जायेगा.
पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत आज से, 5 साल से कम उम्र के 17 करोड़ बच्चों को पोलियो की बूंदें दी जायेगी
