नई दिल्ली: भारत के पूर्व राष्ट्रपति और दिवंगत कांग्रेसी दिग्गज प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने आज तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन थाम लिया है. उन्होंने कोलकाता में आधिकारिक तौर तृणमूल का दामन थामा. अभिजीत के तृणमूल ज्वाइन करने को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उनके कई दशकों तक कांग्रेस के कर्णधार नेताओं में शामिल रहे हैं. बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लेफ्ट और वाम मोर्चा के साथ गठबंधन के मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी की राय अलग रही है. पार्टी की हार के बाद उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल में चुनाव यदि वाम के साथ गठबंधन किये बिना लड़ती तो पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा होता. उन्होंने कहा, ‘यदि पार्टी अकेले चुनाव लड़ती तो कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ जाता. यह मेरी निजी राय है. हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी का मतलब सीटों में बढ़ोतरी ही हो.’ अभिजीत मुखर्जी के टीएमसी में शामिल होने का फैसला तब सामने आ रहा है, जब पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पस्त पड़ी है और प्रदेश में नेतृत्व की जिम्मेदारी अधीर रंजन चौधरी के पास है. देखना ये है कि अभिजीत मुखर्जी के टीएमसी में जाने पर कांग्रेस नेतृत्व की क्या प्रतिक्रिया होती है. आपको बता दें कि अभिजीत मुखर्जी की बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी कांग्रेस में रहते हुए दिल्ली से राजनीति करती हैं. 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने ग्रेटर कैलास सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्हें चुनाव में आम आदमी पार्टी प्रत्याशी सौरभ भारद्वाज के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.