पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया, बोले- “मैं देशवासियों से माफी मांगता हूँ

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बड़ा घोषणा करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस लेगी और एमएसपी से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए समिति बनाएगी. पीएम ने इस चौंकाने वाले कदम की घोषणा करते हुए कहा, ”इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रिपील (निरस्त) करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.’’ पीएम ने कहा, ”मैं देशवासियों से माफी मांगते हुए सच्‍चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्‍या में ही कोई कमी रही होगी जिसके कारण दिए के प्रकाश जैसा सत्‍य खुद किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए.” आज देव दीपावली का पावन पर्व है. आज गुरुनानक देव जी का भी पवित्र प्रकाश पर्व है. मैं विश्वभर में सभी लोगों को और सभी देशवासियों को इस पावन पर्व पर हार्दिक बधाई देता हूं. ये भी बहुत सुखद है कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है. साथियों, गुरुनानक जी ने कहा है विच्‍च दुनिया सेव कमाइए ता दरगाह बैसन पाइए यानि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है. हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है. न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत आज उन सपनों को पूरा करने का भरपूर प्रयास कर रहा है. अपने पांच दशक के सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की परेशानियों को, उनकी चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है, महसूस किया है. इसलिए, जब देश ने मुझे 2014 में प्रधान मंत्री के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्‍याणको सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी. इस सच्‍चाई से बहुत लोग अंजान हैं कि देश के 100 में से 80 किसान छोटे किसान हैं. उनके पास दो हेक्‍टेयर से भी कम जमीन है. आप कल्‍पना कर सकते हैं इन छोटे किसानों की संख्‍या 10 करोड़ से भी ज्‍यादा है. उनकी पूरी जिंदगी का आधार यही छोटी सी जमीन का टुकड़ा है. यही उनकी जिंदगी होती है और इस छोटी-सी जमीन के सहारे ही वो अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. पीढ़ी-दर-पीढ़ी परिवारों में होने वाला बंटवारा इस जमीन को और छोटा कर रहा है. इसलिए देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया है.सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा है. हमने 22 करोड सॉयल हेल्थ कार्ड, किसानों को दिए हैं. और इस वैज्ञानिक अभियान के कारण एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍शन भी बढ़ा है. हमने फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाया है. उसके दायरे में ज्‍यादा किसानों को लाए हैं. आपदा के समय ज्‍यादा से ज्‍यादा किसानों को आसानी से मुआवजा मिल सके, इसके लिए भी पुराने नियम बदले. इस वजह से बीते चार साल में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा हमारे किसान भाई-बहनों को मिला है. हम छोटे किसानों और खेत में काम करने वाले श्रमिकों तक बीमा और पेंशन की सुविधाओं को भी ले आए हैं. छोटे किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सीधे उनके बैंक खातों में एक लाख 62 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, सीधे उनके खाते में.
किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी अनेक कदम उठाए गए.देश ने अपने रुपल मार्केट इंफ्रास्टकचर को मजबूत किया. हमने एमएसपी तो बढ़ाई ही, साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए हैं. हमारी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. देश की एक हजार से ज्‍यादा मंडियों को e-NAMयोजना से जोड़कर हमने किसानों को कहीं पर भी अपनी उपज बेचने का एक प्‍लेटफॉर्म दिया है. और इसके साथ ही देशभर की कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण पर भी हमने करोड़ों रुपये खर्च किए. आज केंद्र सरकार का कृषि बजट पहले के मुकाबले पांच गुना बढ़ गया है. हर वर्ष सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक कृषि पर खर्च किए जा रहे हैं. एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्टकचर फंड के माध्‍यम से गांव और खेत के नजदीक भंडारण-इसकी व्‍यवस्‍था, कृषि उपकरण जैसी अनेक सुविधाओं का विस्‍तार, ये सारी बातें तेजी से हो रही हैं. छोटे किसानों की ताकत बढ़ाने के लिए दस हजार FPO, किसान उत्‍पादक संगठन बनाने का अभियान भी जारी है. इस पर भी करीब सात हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. Micro irrigation fund के आवंटन को भी दोगुना करके दस हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है. हमने Crop Loan भी दोगुना कर दिया, जो इस वर्ष 16 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. अब पशुपालकों को मछली पालन से जुड़े हमारे किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिलना शुरू हो गया है. यानी हमारी सरकार किसानों के हित में हर संभव कदम उठा रही है, लगातार एक के बाद एक नए कदम उठाती जा रही है. किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरे, उनकी सामाजिक स्थिति मजबूत हो, इसके लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है. किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे.मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले. बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के कृषि अर्थशास्‍त्री, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे.पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन भी किया था. इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए. देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने, इसका स्वागत किया, समर्थन किया.मैं आज उन सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं, धन्‍यवाद करना चाहता हूं.

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