मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अपने ट्रांसफर को चुनौती दी तो गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की. एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाकर डीजी होम गार्ड बनाए गए परमबीर सिंह ने देशमुख पर एक और बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सांसद डेलकर मौत के मामले में देशमुख उनपर बीजेपी नेताओं को फंसाने का दबाव डाल रहे थे.1988 बैच के आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने याचिका में देशमुख पर लगाए गए आरोपों को दोहराया है. परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए लेटर में आरोप लगाया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए उगाही का टारगेट दिया था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, परमबीर सिंह ने याचिका में कहा है कि गृहमंत्री देशमुख सांसद मोहन डेलकर की मौत के मामले बीजेपी नेताओं को फंसाने का दबाव बना रहे थे. याचिका में कहा गया है कि सांसद मोहन डेलकर होटल में मृत पाए गए थे. उनके पास 15 पेज का सुइसाइड नोट भी मिला था. शुरुआती जांच के बाद याचिकाकर्ता (परमबीर सिंह) ने तहकीकात शुरू की और पुलिस डिपार्टमेंट के लीगल सेल से सलाह मांगी. याचिकाकर्ता पर महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री ने दबाव डाला के बीजेपी के कुछ नेताओं को किसी तरह फंसाया जाए. पूरे मामले को राजनीतिक एंगल देने के लिए बहुत दबाव डाला गया. इसमें यह भी कहा गया है कि परमबीर इस दबाव में नहीं आए. दादर नगर हवेली के निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर 22 फरवरी को मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए गए थे. दादरा और नगर हवेली के सात बार के लोकसभा सदस्य डेलकर का शव मरीन ड्राइव के एक होटल में मिला था. इसका तहकीकांत मुंबई पुलिस कर रही थी.