मेरठ किसान महापंचायत में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा-किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएगा, यह करो या मरो की लड़ाई है

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मेरठ: मेरठ में किसान महापंचायत को संबोधित हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है. इस कानून से किसानों की जमीन छीन ली जाएगी. भीषण ठंड में किसान लगातार आंदोलन इसलिए कर रहा है कि उसकी खेती पूंजीपतियों के पास चली जाएगी. किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएगा. यह करो या मरो की लड़ाई है. तीनों कृषि कानून के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) ने मेरठ में दिल्ली बाईपास स्थित संस्कृति रिसोर्ट में किसान महापंचायत का आयोजन किया है. कांग्रेस, रालोद के बाद आप ने किसान महापंचायत की शुरुआत की है. मेरठ में पहली महापंचायत हुई. केजरीवाल ने कहा कि किसानों पर झूठे मुकदमे किये जा रहे हैं. लालकिले का पूरा कांड इन लोगों ने खुद कराया. मेरे पास तमाम लोग आते हैं. सभी ने कहा कि इन लोगों ने जानबूझकर किसानों को लालकिले का रास्ता दिया. जिन लोगों ने लालकिला पर झंडा फहराया, वह इनके अपने कार्यकर्ता थे. कहा कि किसान कुछ भी हो सकता है. देशद्रोही नहीं हो सकता है. आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों पर देशद्रोह का मुकदमा कर रही है. किसानों को आतंकवादी बोल रहे हैं. केजरीवाल ने कहा कि किसानों को हमेशा धोखा दिया गया. देश में 70 साल में सभी पार्टी की सरकारें देश में आईं, सभी ने किसानों के साथ छल किया है. किसानों ने केवल अपने फसल की कीमत मांगी है लेकिन उसे भी नहीं दे रहे हैं. हर पार्टी की घोषणापत्र में किसानों की बात होती है लेकिन उसे पूरा नहीं किया जाता है. आज किसानों को फसल की तय कीमत मिल जाती तो उन्हें लोन नहीं लेना होता. किसान कहता है कि लोन माफ कर दो. हर पार्टी चुनाव से पहले लोन माफ करने की बात कहती है लेकिन सरकार बनने पर नहीं किया जाता. केजरीवाल ने कहा कि 25 साल में साढ़े तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं. 2014 के घोषणात्र में भाजपा ने कहा था कि स्वामिनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे. फसल का 50 प्रतिशत लाभ देंगे. एमएसपी लागू करेंगे. सरकार बन गई तो 2017 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि एमएसपी नहीं दे सकते. सरकार बनने के तीन साल के अंदर ही किसानों के साथ धोखा कर दिया. आज जिस तरह से पूरे देश में किसानों पर अत्याचार हो रहा है. पानी की बौछारें छोड़ी जा रही हैं. इनके रास्ते में कीलें बिछाई जा रही हैं. ये किसान हैं, देश के दुश्मन नहीं हैं. अंग्रेजों ने भी इतने जुल्म नहीं किये थे.

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