नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किया गया था अब इस मामले में भारत सफलता प्राप्त हुई है. ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने मामले में मुख्य आरोपी भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया है. कोर्ट ने नीरव मोदी को सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रचने का दोषी मानते हुए कहा कि उसे भारत में एक मामले पर जवाब देना है. नीरव मोदी को ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से गिरफ्तार किया था. तब से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है. नीरव ने अपने खिलाफ आए प्रत्यर्पण आदेश को अदालत में चुनौती दी थी. दो साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद डिस्ट्रिक्ट जज सैम्यूल गूजी ने फैसला सुनाया कि नीरव के खिलाफ कानूनी मामला है, जिसमें उसे भारतीय अदालत में पेश होना होगा. वही नीरव मोदी के वकीलों ने जब उसके मानसिक तौर पर बीमार होने का दावा किया तो डिस्ट्रिक्ट जज सैम्यूल गूजी ने कहा कि ऐसा तो बिलकुल नहीं लगता है. नीरव मोदी को कोर्ट में कोई परेशानी नजर नहीं आई है. यही नहीं, कोर्ट ने भारत की जेल में सुविधाएं नहीं होने की दलील को खारिज करते हुए मुंबई की ऑर्थर रोड जेल के बैरक नंबर-12 को नीरव मोदी के लिए फिट बताया. साथ ही कहा कि भारत प्रत्यर्पण के बाद भी उसे इंसाफ मिलेगा. अब कोर्ट के फैसले पर अंतिम मुहर लगाने के लिए मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास भेजा जायेगा.