नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के संसदीय दल की नई अध्यक्ष होंगी. पार्टी के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने आज यह ऐलान किया. ममता बनर्जी अगले सप्ताह नई दिल्ली की यात्रा पर आने वाली हैं. इससे पहले वे तेजतर्रार क्षेत्रीय नेताओं के अधिक से अधिक राष्ट्रीय फोकस के लिए आधार तैयार करेंगी ऐसी उम्मीद की जा रही है. सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय से पदभार ग्रहण करने के बाद ममता बनर्जी उन कुछ राजनीतिक नेताओं में शामिल हो जाएंगी जिन्होंने संसद के लिए चुने बिना अपनी पार्टी के संसदीय दल का नेतृत्व किया है. सन 1998 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल का नेतृत्व किया था. तब वे पार्टी की प्रमुख बनी थीं. दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि “ममता बनर्जी हमारी तृणमूल संसदीय दल की अध्यक्ष बनेंगी. यह एक वास्तविकता है जिसे हम औपचारिक रूप दे रहे हैं. ममता बनर्जी सात बार सांसद रही हैं. वह पहले से ही संसदीय दल का मार्गदर्शन कर रही थीं. यह एक रणनीतिक निर्णय है.” यह घोषणा हंगामे से परिपूर्ण संसद के सत्र के बीच तब आई है, जब तृणमूल सांसद डॉ शांतनु सेन को पेगासस जासूसी कांड पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रतिक्रिया को फाड़ने के लिए कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. संसद की कार्यवाही में व्यवधान और विपक्ष के हंगामे के बारे में तृणमूल नेता ने कहा, “हम चाहते हैं कि संसद चले. हम दो या तीन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं. पेगासस मुद्दे पर चर्चा की जरूरत है … हम कृषि कानूनों को निरस्त कराना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा कि पार्टी डॉ सेन के निलंबन से “परेशान नहीं” है, “लोग उन्हें (बीजेपी) निलंबित कर देंगे. हमारी सहयोगी महुआ (मोइत्रा) ने विशेषाधिकार प्रस्ताव (निलंबन के खिलाफ) पेश किया है. ममता बनर्जी की सोमवार से शुरू होने वाली दिल्ली यात्रा को लेकर काफी चर्चा है. कई लोग इसे राष्ट्रीय राजनीति में व्यापक भूमिका निभाने और बीजेपी के खिलाफ देश के अलग-अलग विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं.