लखनऊ: समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान को भड़काऊ भाषण मामले में रामपुर की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है और एक हज़ार रूपये का जुर्माना भी लगाया है. आजम खान ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान शहजाद नगर थाना क्षेत्र के धमोरा में भड़काऊ भाषण दिया था.जिसको लेकर उनके खिलाफ 8 अप्रैल को केस दर्ज किया गया था. आरोप है कि सपा नेता आजम खान ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चुनाव आयोग को लेकर आपत्तिजनक भाषण दिया था.
आजम खान इससे पहले भी भड़काऊ भाषण के लिए आरोपी बने थे. आजम खान पर अप्रैल 2019 में मिलक कोतवाली क्षेत्र के खत नगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा रामपुर के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज किया गया था.
इस केस में उन्हें IPC की धारा 153A (दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), धारा 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाला बयान) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 के तहत दोषी ठहराया गया था.
आजम खान को तीन साल की सजा मिली थी, जिसके कारण उन्हें पिछले साल अपनी विधायकी पद भी छोड़ना पड़ा था.आजम ने इस फैसले को चुनौती दी थी. इस मामले में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अमितवीर सिंह ने इस साल मई फैसला सुनाते हुए रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा पारित अक्टूबर 2022 के आदेश को रद्द कर दिया था.
आजम खान 8 अप्रैल 2019 को रामपुर के धमौरा में गठबंधन के प्रत्याशी के समर्थन में भाषण देते हुए कहा था कि ‘प्रदेश का मुख्यमंत्री कातिल है, कत्ल का मुलजिम है, शर्म आनी चाहिए ऐसे ऐसे अधिकारियों. जो सत्ता के दुरपयोग कर हमें मरवाना चाहते हैं, जो दंगा कराना चाहते हैं.
आगे उन्होंने ने कहा था कि ‘कितने मुकदमें करोंगे.जितनी बदतमीजी करोंगे.उतनी औकात बताऊंगा, जनता के नौकर को अपनी औकात को समझना चाहिए.