मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी पार्टी के लिए आज बेहद अहम दिन रहा. एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार और अजित पवार गुट दोनों ने अपनी शक्ति प्रदर्शन के लिए आज बैठक बुलाई. एक साथ होने वाली इस मीटिंग में अजित पवार के मंच पर 29 विधायक दिखाई पड़े. वही शरद पवार के मंच पर 17 विधायक ही शामिल हुए. मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में शरद पवार के नेतृत्व वाली बैठक में कुल 15 विधायक, 3 एमएलसी और 5 सांसद मौजूद हुए. विधायकों में अनिल देशमुख, रोहित पवार, राजेंद्र शिंगणे, अशोक पवार, किरण लहमाटे, प्राजक्ता तानपुरे, बालासाहेब पाटिल, जीतेंद्र अव्हाड, चेतन विट्ठल तुपे, जयंत पाटिल, राजेश टोपे, संदीप क्षीरसागर और देवेंद्र भुयार शामिल थे.
खबरों के अनुसार भारतीय चुनाव आयोग को अजित पवार की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और पार्टी चिह्न पर दावा करने वाली याचिका मिली है. आयोग को जयंत पाटिल से भी एक चेतावनी मिली है कि उन्होंने 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रक्रिया शुरू कर दी है.
अजित पवार गुट में ज्यादा विधायक शामिल होने से पलड़ा भारी नज़र आ रहा है. बांद्रा में बैठक के बाद अजित पवार गुट के एनसीपी नेताओं को बस से एक होटल ले जाया जा रहा है. वहीं, एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि हमारा अपमान करें, लेकिन हमारे पिता (शरद पवार) का नहीं. यह लड़ाई भाजपा की सरकार के खिलाफ है. भाजपा देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी है. मूल एनसीपी शरद पवार के साथ है और मूल प्रतीक हम हैं.
एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता छगन भुजबल ने कहा, “हम पर कानूनी मामलों के डर से यहां (अजित पवार के साथ) आने का आरोप लगाया जा रहा है. यह सही नहीं है. धनंजय मुंडे, दिलीप वाल्से पाटिल और रामराजे निंबालकर के खिलाफ कोई मामला नहीं है. हम यहां केवल इसलिए हैं क्योंकि आपके (शरद पवार) साहब के आसपास कुछ करीबी सहयोगी हैं, वे पार्टी को खत्म करना चाहते हैं. एक बार जब आप उन्हें किनारे कर देंगे तो हम आपके पास वापस आने के लिए तैयार हैं.”
छगन भुजबल ने कहा कि 40 से अधिक विधायक और MLC हमारे साथ हैं. हमने शपथ लेने से पहले पूरी मेहनत की है. हमने शपथ ऐसे ही नहीं ली.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि 2004 के विधानसभा चुनाव में NCP के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता.
आगे अजित पवार ने कहा कि मेरी दिल से इच्छा थी कि पार्टी आगे बढ़े. हमारे विधायकों की संख्या लगातार घटती जा रही है. उन्होंने कहा कि मैं जन कल्याण के लिए अपनी कुछ योजनाएं लागू करने के लिए महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं. हम इतने दिनों से साहब (शरद पवार) की छाया में थे, नेता ने जब-जब जैसा बोला हमने किया. लेकिन सबका समय होता है, हम सबका अपना भी एक मत है. अगर इतिहास देखो तो लोकशाही में कई बार ऐसा हुआ है.