नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने आज राष्ट्रीय राजधानी में महारैली का आयोजन किया है. दिल्ली सरकार के अंडर अधिकारीयों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में आज ‘महारैली’ की जा रही है. इसको देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और स्थानीय पुलिस बल के साथ अर्धसैनिक बलों की करीब 12 कंपनियों को कार्यक्रम स्थल पर तैनात किया गया है.
इस महारैली में काफी संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है. दिल्ली में आप का जनाधार काफी मजबूत है. सेवा मामलों पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी आप ने रैली का आयोजन किया है.अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हुए आप ने कहा है कि केंद्र सरकार को अपने रुख पर पुनर्विचार करना चाहिए और दिल्ली के लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए
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अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, “दिल्ली के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने वाले केंद्र सरकार के तानाशाही अध्यादेश के विरोध में कल दिल्ली के लोग रामलीला मैदान में एक साथ आएंगे.इस रैली में शामिल हों. संविधान और लोकतंत्र बचाओ.
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की निर्वाचित सरकार को सेवाओं और ट्रांसफर-पोस्टिंग और अधिकारियों पर अनुशासन के संबंध में निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करने के पांच-न्यायाधीशों की पीठ के फैसले के कुछ दिनों बाद केंद्र सरकार ने चाल चाल दी और मई में एक अध्यादेश ले आई.
केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को लेकर अरविंद केजरीवाल ने नाराजगी जताई और कदम को असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ बताया. केजरीवाल ने कहा कि सेवाओं के मामले पर केंद्र का अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सीधी अवमानना है.
अरविन्द केजरीवाल इस अध्यादेश खिलाफ अपना समर्थन जुटाने के लिए देश की तमाम विपक्षी पार्टी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, तेलंगाना के सीएम केसीआर, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से जगह जगह जा कर मुलाकात की और अधिकांश दलों ने आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन देने का वादा किया है, कांग्रेस ने अभी तक इस पर अपने अंतिम निर्णय की घोषणा नहीं की है. केजरीवाल सभी गैर-बीजेपी दलों को एक साथ लाने का लक्ष्य लेकर राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध की आवाज उठा रहे हैं.