नई दिल्ली: किसान आंदोलन को देखते हुए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि देश की आजादी के बाद से पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है, जिसे अन्नदाताओं की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है. साथ ही, उन्होंने नए कृषि कानूनों को बिना शर्त फौरन वापस लेने की मांग की. कांग्रेस अध्यक्ष ने एक वक्तव्य में कहा, लोकतंत्र में जनभावनाओं की उपेक्षा करने वाली सरकारें और उनके नेता लंबे समय तक शासन नहीं कर सकते. अब यह बिल्कुल साफ़ है कि मौजूदा केंद्र सरकार की ‘थकाओ और भगाओ की नीति के सामने आंदोलनकारी धरती पुत्र किसान मज़दूर घुटने टेकने वाले नहीं हैं. सोनिया गांधी ने कहा, अब भी समय है कि मोदी सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले क़ानून वापस ले और ठंड एवं बारिश में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन समाप्त कराए. यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी. सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का अर्थ ही जनता एवं किसान-मज़दूरों के हितों की रक्षा करना है. उन्होंने कहा, हाड़ कंपा देने वाली ठंड और बारिश के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर अपनी माँगों के समर्थन में 39 दिनों से संघर्ष कर रहे अन्नदाताओं की हालत देखकर देशवासियों सहित मेरा मन भी बहुत व्यथित है. सोनिया ने कहा, आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुख़ी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं. कुछ (किसानों) ने तो सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया. पर बेरहम मोदी सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आज तक प्रधानमंत्री या किसी भी मंत्री के मुंह से सांत्वना का एक शब्द निकला. सोनिया ने कहा, मैं सभी दिवंगत किसान भाईयों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रभु से उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करती हू. उन्होंने कहा, आज़ादी के बाद देश में यह पहली ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है जिसे देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं की पीड़ा और संघर्ष भी दिखाई नहीं दे रहा. सोनिया ने आरोप लगाया, लगता है कि मुट्ठी भर उद्योगपति और उनका मुनाफ़ा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि ये काले कानून कृषि और किसानों को बर्बाद कर देंगे. कांग्रेस इन कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का भी समर्थन कर रही है. कड़ाके की ठंड के बावजूद दिल्ली से लगी सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान एक महीने से अधिक समय से इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं.
सोनिया गांधी ने किसान आंदोलन को देखते हुए कहा पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में,जिसे अन्नदाताओं की पीड़ा दिखाई नहीं देती
