26 जनवरी को किसानों द्वारा लाल किला पर धार्मिक झंडा फहराने और दंगा का आरोप में दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह और UAPA के अंतर्गत मामला दर्ज किया

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नई दिल्ली: 26 जनवरी को लाल किला पर धार्मिक झंडा फहराने और दंगा का आरोप में दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह और UAPA के अंतर्गत मामला दर्ज किया है. मामले की जांच दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल करेगी. अधिकारी ने कहा, ”दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच बनी सहमति को दरकिनार करने की योजना पहले से तय थी ताकि गणतंत्र दिवस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार को शर्मिंदा किया जा सके.” राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई थी. प्रदर्शनकारी लाल किले में भी घुस गए और वहां ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था. दिल्ली पुलिस 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में अब तक 33 प्राथमिकियां दर्ज कर चुकी है. एफआईआर में राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव और मेधा पाटकर सहित 37 किसान नेताओं का नाम है. सभी के खिलाफ दंगा, आपराधिक षड्यंत्र, हत्या का प्रयास सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में आरोप लगाया गया है. पुलिस ने 44 लोगों के खिलाफ ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किया है. ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी. एक दिन पहले ही बुधवार को दिल्ली के पुलिस कमिनश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा था कि हिंसा में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने आज पुलिस मुख्यालय में विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया) और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. वही आज गृहमंत्री अमित शाह ने घायल पुलिसकर्मियों से अस्पताल जाकर मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”आज दिल्ली पुलिस के बहादुर पुलिसकर्मियों से अस्पताल में भेंट की व उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा में बहादुरी और संयमता की जो मिसाल दिल्ली पुलिस ने पेश की उसपर पूरे देश को गर्व है.” जबकि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नवंबर महीने से ही दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन जारी हैं.

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