नई दिल्ली: सितंबर 2020 में तीन नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध में देश की राजधानी दिल्ली के आसपास किसानों का प्रदर्शन पिछले करीब छह महीने से भी ज्यादा वक्त से चला आ रहा है. सरकार की तरफ से इन्हें काफी मान-मनौव्वल की कोशिश के बावजूद ये लोग अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. इधर, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह उम्मीद जताई है कि साल 2024 से पहले भारत सरकार मान जाएगी और इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिए जायेंगे. न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि 2022 में क्या असर होगा यह जनता चुनाव के आने पर बता देगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का पैसा बकाया है. टिकैत ने कहा- मेरे हिसाब से कोरोना बड़ा है, लेकिन सरकार के हिसाब से कानून बड़े हैं. टिकैत ने आगे कहा कि जनता सरकार को अपना जवाब देगी. टिकैत ने कहा कि गुजरात में किसी पार्टी की सरकार नहीं है, वहां पर पुलिस की सरकार है. इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी पुलिस की सरकार होगी. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने सवाल पूछते हुए कहा कि अभी आंदोलन चलेगा. अगर हम फर्जी किसान हैं तो सही किसान कौन है? उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव पर बड़ा असर हो रहा है. अगले साल यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा होने वाला है.