अरविन्द केजरीवाल किसान महापंचायत में बोले-केंद्र सरकार किसानों की आवाज को दबाने का काम किया, जो किसी भी लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं

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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जींद के सफीदों रोड स्थित हुड्डा ग्राउंड में किसान महापंचायत में शामिल हुए. केजरीवाल ने केन्द्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया. किसान महापंचायत में पहुंचने पर अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले आंदोलन (किसान विरोध) के दौरान मारे गए 300 लोगों के बलिदान को सलाम किया. उन्होंने कहा कि ये हमारा दायित्व है कि उनका बलिदान व्यर्थ न जाए. केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की आवाज को दबाने का काम कर रही है. यह किसी भी लोकतंत्र में ठीक नहीं है. केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने दिल्ली में आने वाले किसानों को 9 स्टेडियमों में जेलों में बदलने की साजिश रची थी, लेकिन हम भाग्यशाली थे क्योंकि कानून ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री स्टेडियम को जेल में बदलने की शक्ति रखते हैं. हमारी सरकार किसानों के साथ थी. इसलिए भाजपा दिल्ली को जेल नहीं बना सकी. केजरीवाल ने कहा क केंद्र ने मुझे एक फाइल भेजी और यह कहते हुए मुझ पर दबाव डालना शुरू कर दिया कि कानून और व्यवस्था का मुद्दा होगा. उन्होंने मुझे अपनी सत्ता छीन लेने की धमकी भी दी. मैंने उनकी बात नहीं सुनी और फ़ाइल को अस्वीकार कर दिया. उन्होंने केजरीवाल को दंडित करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया है. किसान विरोध का समर्थन करने के लिए हमें विरोध का सामना करना पड़ा. वे निर्वाचित सरकार के बजाय एलजी के हाथों में बिल पास करके और सत्ता सौंपकर हमें दंडित कर रहे हैं. क्या हमने इसके लिए आजादी की लड़ाई लड़ी ? केजरीवाल ने कहा कि इन किसानों की शहादत बेकार नहीं होनी चाहिए. अंत तक लडऩा है. रोहतक में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया, जो गलत है. किसानों के साथ देना चहिये या लाठीचार्ज करना चाहिए. हम किसानों के संघर्ष का समर्थन करते हैं. केजरीवाल ने कहा कि आजादी की लड़ाई इसलिए लडी थी कि जनता वोट डालकर अपनी सरकार चुनेगी. जिस जनता ने सरकार को चुना, उसकी पॉवर कम कर दी. केजरीवाल ने किसानों का समर्थन किया, इसलिए उनको पॉवर कम करके सजा दी.

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