नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आज नई पार्टी बनाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि अगर किसान आंदोलन का समाधान उनके हित में हो जाता है तो पंजाब में भाजपा के साथ समझौते को लेकर भी वे विचार करेंगे. साथ ही अकाली समूहों से अलग हुए दलों सहित समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने का भी विचार करेंगे. आपको बता दें, पिछले महीने अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, उसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने की संभावना को खारिज कर दिया था. उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने किसानों के आंदोलन पर चर्चा के लिए मुलाकात की थी. आज शाम को कई ट्वीट करते हुए अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने उनके हवाले से लिखा है, ‘जल्द ही पंजाब और उसके लोगों के हितों की सेवा करने के लिए अपनी खुद की पार्टी का ऐलान करेंगे. इन लोगों में हमारे किसान भी शामिल हैं जो करीब एक साल से अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘अगर किसानों के हित में किसान आंदोलन का समाधान हो जाता है तो 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में भाजपा के सीटों के समझौते की संभावना है. इसके अलावा अकाली समूहों से अलग हुए दलों सहित समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने का भी विचार करेंगे.’ अमरिंदर सिंह पिछले चार दशक से ज्यादा समय से कांग्रेस के साथ थे और पंजाब में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता रहे हैं. सितंबर ने अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने उनका अपमान किया है. गौरतलब है कि अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू में काफी तनाव चल रहा था. सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनके बीच तनाव ज्यादा बढ़ गया था. कांग्रेस नेतृत्व ने इस तनाव को खत्म करने की भी काफी कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें बेनतीजा रहीं. अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया है. कांग्रेस छोड़ने के वक्त ही अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि वे राजनीतिक विकल्प तलाश करेंगे. उन्होंने कहा था, ‘हमेशा एक विकल्प होता है, और समय आने पर मैं उस विकल्प का इस्तेमाल करूंगा.’ साथ ही उन्होंने कहा था कि वह “दोस्तों” के साथ चर्चा के बाद अपने भविष्य के कदम पर फैसला करेंगे.