जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों ने इस्तीफे दिए. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल से मुलाकात नहीं करेंगे. रविवार को दो बजे सभी विधायकों को पार्टी प्रदेश के कार्यालय में बुलाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, रविवार को शपथ ग्रहण समारोह होगा. गहलोत मंत्रिमंडल में वर्तमान में 12 सीट खाली हैं. सूत्रों के मुताबिक, गहलोत-पायलट के बीच मंत्री पद के बंटवारे का फॉर्मूला तय हो चुका है. 6 गहलोत कोटे से और 4 पायलट कोटे से मंत्री बन सकते हैं. मंत्रिमंडल में दो सीट खाली रहेंगी. करीब 15 संसदीय सचिव बनाए जा सकते हैं. गहलोत मंत्रिमंडल में अधिकतम 30 मंत्री हो सकते हैं. गहलोत गुट से संभावित मंत्री इस प्रकार हो सकते है, जाहिदा
रामलाल जाट, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, शंकुतला रावत
गोविंद मेघवाल/मंजू मेघवाल, खिलाड़ी लाल बैरवा, महेश चौधरी
वही पायलट गुट के संभावित मंत्री हो सकते है, हेमाराम चौधरी, बृजेंद्र ओला, रमेश मीणा, मुरारी मीणा, दीपेद्र सिंह शेखावत.
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि किसकी लॉटरी खुलेगी और क्या होगा, यह सब हाईकमान तय करेगा. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक झटका ये भी लग सकता है कि बीएसपी से कांग्रेस में शमिल हुए विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका नहीं मिलेगा. इसी तरह सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को भी मंत्री नहीं बनाया जाएगा. सचिन पायलट की मांग के बाद कांग्रेस हाईकमान तय कर चुका है कि फिलहाल निर्दलीय और बीएपी से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों को मंत्री न बनाया जाए. हालांकि गहलोत मंत्री बनाना चाहते हैं. माना जा रहा है कि बाकी नाराज विधायकों को मनाने के लिए उन्हें संसदीय सचिव बनाया जा सकता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि फेरबदल पर फैसला अजय माकन और पार्टी हाईकमान कर रह हैं. माना यह भी जा रहा है कि जिन मंत्रियों को हटाया जा रहा है या जिनको मौका न मिले, उनकी नाराजगी से सीएम गहलोत बचना चाहते हैं, इसलिए ऐसा बोल रहे है.