पटना: बिहार में जदयू की नजरें कुशवाहा समाज के बड़े नेताओं को साथ लाने से पार्टी मजबूत हो जाएगी. इसलिए एक-एक कर के जेडीयू ने वैसे कुशवाहा नेताओं को अपने पाले में करने की कवायद तेज कर दी हैं जो अभी पार्टी में नहीं हैं, या फिर किसी कारणवश पार्टी से बाहर चले गए हैं. जेडीयू हाल ही में उपेन्द्र कुशवाहा को अपने पाले में शामिल कर लव-कुश समीकरण को साध चुका है, लेकिन अभी भी कुछ ऐसे मजबूत कुशवाहा नेता हैं जिन पर उसकी नजरें टिकी हुई हैं. ऐसे ही एक कुशवाहा नेता हैं भगवान सिंह कुशवाहा, जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर विधानसभा चुनाव के वक्त जेडीयू का दामन छोड़कर जगदीशपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. आज होली के मौके पर पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा राज्यसभा सांसद और जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर पहुंचे और अबीर-गुलाल लगाकर उनसे आशीर्वाद लिया. इस दौरान भगवान सिंह कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुछ कारण रहे थे जिससे चुनाव के वक्त टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने जेडीयू छोड़ दिया था. लेकिन वो पार्टी से कभी दूर नही हुए थे. दादा (वशिष्ठ नारायण सिंह) हमारे अभिभावक हैं और हम उनका आशीर्वाद लेने आए हैं. उनका जो आदेश होगा वो पालन करूंगा, मुझे जेडीयू से अब कोई नाराजगी नहीं है. जबकि उपेन्द्र कुशवाहा को जेडीयू में शामिल कराने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि भगवान सिंह कुशवाहा बहुत पहले से हमारे प्रिय रहे हैं, कभी-कभी राजनीतिक परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं जिसकी वजह से नेता कोई फैसला ले लेता है. लेकिन भगवान सिंह हमसे कभी बहुत दूर नहीं गए. जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि क्या भगवान सिंह कुशवाह की घर वापसी हो सकती है, इसपर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि आने वाले वक्त के लिए भी कुछ छोड़ दीजिए, राजनीति में कुछ असंभव नहीं होता है. दरअसल जेडीयू लगातार इस प्रयास में है कि लव-कुश समीकरण को कैसे मजबूत किया जाए. इसे लेकर पार्टी लगातार उन तमाम कुशवाहा नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिशों में लगी है जिनके आने से जेडीयू का मिशन लव-कुश मजबूत हो सकता है. इसकी शुरुआत उपेन्द्र कुशवाहा से हुई और अब भगवान सिंह कुशवाहा की बारी जान पड़ती है. सूत्र बताते हैं कि भगवान सिंह कुशवाहा की मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी हो गई है, संभावना है कि भगवान सिंह कुशवाहा जल्द जेडीयू के पाले में दिख सकते हैं.