नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच 14 सितंबर से शुरू हुआ मॉनसून सत्र आज चौथे दिन भी जारी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर आज यानी गुरुवार को राज्यसभा में बयान दिया. राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में देशवासियों को आश्वस्त किया कि हम न देश का मस्तक झुकने देंगे और न हम किसी का झुकाना चाहते हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन से सीमा का प्रश्न अब तक अनसुलझा है. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अगर एलएसी पर तनाव रहा तो रिश्ते मधुर नहीं सकते. सीमा पर तनाव रहेगा तो द्विपक्षीय रिश्तों पर असर आएगा. बता दें कि लोकसभा में राजनाथ सिंह पहले ही चीन की स्थिति पर बयान दे चुके हैं.
चीन के साथ सीमा विवाद मसले पर राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 15 जून को कर्नल संतोष बाबू ने अपने 19 बहादुर सैनिकों के साथ भारत की अखंडता को बचाने के उद्देश्य से गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया. हमारे पीएम खुद सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए लद्दाख गए. राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पर दोनों देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए कई समझौते हुए, मगर चीन औपचारिक सीमाओं को नहीं मानता. राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किमी भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है. इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंड्री अग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5,180 स्क्वायर किमी भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है.