बेंगलुरु: कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री के तौर पर बसवराज बोम्मई के नाम पर मुहर लग गई है. आज शाम को बुलाई गई विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया की बसवराज बोम्मई राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे. येदियुरप्पा के सबसे करीबी माने जाने वाले और गृहमंत्री सीएम की कुर्सी संभालेंगे. कल सुबह 11:00 बजे राज्यपाल थावरचंद गहलोत बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे. इसके बाद कैबिनेट का विस्तार होगा. अब सवाल यह उठता है कि बसवराज बोम्मई को क्यों नियुक्त किया गया? यहां आपको बता दें कि बोम्मई लिंगायत चेहरा हैं और बीजेपी से तीन बार विधायक रहे हैं. लिंगायत समुदाय बीजेपी के ट्रेडिशनल वोटर्स रहे हैं और राज्य में करीब 19 प्रतिशत है. खुद येदियुरप्पा के लिंगायत हैं. ऐसे में बीजेपी के सामने लिंगायत को चुनने की चुनौती थी. इसके अलावा बोम्मई की छवि साफ है. साथ ही येदियुरप्पा के करीबी और चहेते भी हैं. इस वक्त बीजेपी येदियुरप्पा को नाराज करने का रिस्क नहीं उठा सकती, यही कारण है कि येदियुरप्पा के कहे गए नाम पर मोहर लगानी पड़ी. इसे येदियुरप्पा का मास्टरस्ट्रोक कह सकते हैं क्योंकि बोम्मई येदियुरप्पा का मोहरा हैं. बोम्मई पहले जेडीएस में थे, दो बार एमएलसी रहे. 2008 में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा और तब से तीन बार विधायक रहे. उनके पिता एस आर बोम्मई भी पहले मुख्यमंत्री रहे हैं और एचडी देवगौड़ा सरकार में केंद्रीय मंत्री थे.