चंडीगढ़: नवजोत सिंह सिद्धू ने आज पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दे दिया, जिससे राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है. सिद्धू के इस्तीफे के कुछ घंटे पहले ही सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया था. सिद्धू ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया. लेकिन पार्टी हलकों में इसकी वजह नए मुख्यमंत्री द्वारा उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह विभाग आवंटित किए जाने, नए कार्यवाहक पुलिस प्रमुख और राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति पर उनकी नाराजगी को लेकर अटकलें हैं. सूत्रों के अनुसार, राणा गुरजीत को मंत्री बनाने, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को पुलिस महानिदेशक बनाने और ए पी एस देओल को महाधिवक्ता नियुक्त किए जाने से नाराज हैं. सिद्धू को इस बात से भी नाखुश बताया जाता है कि विधायक कुलजीत सिंह नागरा को चन्नी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. सिद्धू के करीबी माने जाने वाले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उन्हें उनके इस्तीफे की जानकारी नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या सिद्धू रंधावा को गृह विभाग आवंटित करने और कुछ अन्य नियुक्तियों से नाराज हैं, उन्होंने कहा, “हम सिद्धू साहब के साथ बैठेंगे और उनसे बात करेंगे. वह हमारे अध्यक्ष और एक अच्छे नेता हैं.” ऐसा कहा जाता है कि इससे पहले सिद्धू ने मुख्यमंत्री के रूप में रंधावा की नियुक्ति का विरोध किया था और अंतत: चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफे के बाद अपने आवास पर करीबी नेताओं के साथ बैठक की. नवजोत सिंह सिद्धू से मिलने के बाद पंजाब कांग्रेस के विधायक परगट सिंह ने कहा कि एक दो मुद्दे हैं, बात हो गई है. कई बार गलतफ़हमी हो जाती है, हम उन्हें हल कर लेंगे. अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने भी कहा कि एक-दो छोटे-छोटे मुद्दे हैं, आपस में गलतफ़हमी की वजह से विश्वास टूटा. कोई बड़ी बात नहीं है, कल सारा मसला सुलझ जाएगा. एक अन्य विधायक ने कहा कि सिद्ध का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है, जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि फिलहाल सिद्धू का इस्तीफा मंजूर नहीं होगा और वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाई जाएगी. हाईकमान ने प्रदेश के नेताओं को आपस में मामला सुलझाने के लिए कहा है. सिद्धू ने अमरिंदर सिंह के साथ नेतृत्व को लेकर खींचतान के बीच इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था. अमरिंदर सिंह ने दस दिन पहले पार्टी आलाकमान पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं. कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा.’’