पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हमलोगों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग छोड़ी नहीं है. इस पर निर्णय केंद्र सरकार को करना है. आज मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव जी का अपना एक तरीका हो गया कि इतना दिन से मांग किए हैं और नहीं सुना गया है. इसलिए अब विशेष सहायता दी जाए. यह अलग बात है. पर हमलोगों ने इस मांग को छोड़ा नहीं है. सीएम नीतीश विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी गरीबी है, उसे सहायता देने की बात है. हमलोगों ने शुरू से कहा है कि सभी राज्यों का विकास होना चाहिए. नीतीश ने कहा कि इसकी नीति भी बनी जब कांग्रेस की सरकार थी. इसके बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया. 14 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट आई, उसके बारे में कहा गया कि विशेष दर्जा पर उसमें कुछ नहीं कहा गया है. वही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा बाढ़ की समस्या पर उन्हें पत्र लिखे जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कोई पत्र नहीं मिला है. सवालिए लहजे में कहा कि वे हमें पत्र लिखते कहां हैं? उनका ज्यादा पत्र मीडिया में ही आता है. बाढ़ पीड़ितों की हमलोग हर सहायता कर रहे हैं. जब से मौका मिला है, तब से नियम बनाकर मदद कर रहे हैं. इस बार हम खुद कई जगहों पर गए. कोई भी बाढ़ प्रभावित मदद से वंचित नहीं रहेगा. एक-एक चीज देखी गई है. केंद्र की टीम आई और देख कर गई है. जो मदद करना होगा वह केंद्र करेगा. अलग से इसके लिए दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं हुई है. पहली बार वर्ष 2007 में गये थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री को बताया था. पर, उस समय थोड़ा बहुत ही मिला था.मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाये गये शिविर में कोरोना जांच और टीकाकरण कराया गया. अब तक एक भी पॉजिटिव नहीं मिला है. एक-एक काम किया जा रहा है. बाढ़ के कारण जो खेती शुरू नहीं कर सके, वैसे सब लोगों को भी पूरी मदद देंगे. जिनकी फसल बर्बाद हो गयी, उन्हें भी मदद दी जाएगी. हर जिले में जाकर प्रभारी मंत्रियों ने बैठक की है और एक-एक जानकारी ली गई है. हमने भी हर जिले की बैठक कर एक-एक जानकारी ली. किसी चीज की कमी नहीं होने दी गई. इसके बाद भी अगर किसी के पास कोई सूचना है बताये.