पटना: बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजों को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमे वो पार्टी की हार के बाद भी काफी जोशीले अंदाज में नजर आए. तेजस्वी इन चुनावों में जीत तो हासिल नहीं कर सके लेकिन उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. तेजस्वी ने पत्रकारों से कहा कि चाहे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई भी बैठे, असली विजेता वहीं हैं और जनादेश उनके पक्ष में आया है. तेजस्वी ने पोस्टल बैलट की गिनतियों में फ्रॉड का भी आरोप लगाया और पुनर्मतगणना की मांग की. उन्होंने कहा कि 20 सीटों पर बहुत कम अंतर था. विपक्षी नेता ने कहा कि ‘पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार धन, बल, छल से तेजस्वी जैसे नौजवान को रोकने में नाकामयाब रहे, लेकिन आरजेडी को सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनने से रोक नहीं पाए.’ तेजस्वी ने कहा कि ‘जनादेश महागठबंधन के लिए था. मुख्यमंत्री चोर दरवाजे से अंदर आना चाहते हैं.’ तेजस्वी ने कहा, ‘देखिए नीतीश कुमार के चेहरे की चमक कहां चली गई है, वो तीसरे नंबर पर आ गए हैं. यह बदलाव का जनादेश है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हैं, लेकिन हम लोगों के दिलों में बैठे हैं.’ तेजस्वी ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग करते हुए अपने कुछ उम्मीदवारों के वोटों में बिल्कुल कम अंतर होने का हवाला दिया. उन्होंने यह भी सवाल किया कि पोस्टल बैलट शुरू में क्यों नहीं गिने गए थे और आरोप लगाया कि कई सीटों पर पोस्टल बैलट्स को अवैध घोषित कर दिया गया था. उन्होंने मांग की कि जिन पोस्टल बैलट्स को अवैध घोषित किया गया था, उन्हें सामने लाया जाए. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार एनडीए को 84,900 वोटों की बढ़त मिली. एनडीए और विपक्ष के बीच वोटों का अंतर महज 0.2 फीसदी का रहा. कई एग्जिट पोल्स में दिखा कि तेजस्वी यादव की इन चुनावों में जीत होने वाली है, लेकिन एनडीए की पीठ पर सवार नीतीश कुमार लगातार चौथे टर्म के लिए मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. 243 सीटों वाली विधानसभा में 122 जादुई आंकड़ा था. लेकिन NDA ने 125 सीटों पर विजय हासिल किया. बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं, वहीं नीतीश कुमार को बस 43 सीटों पर जीत मिली. वहीं महागठबंधन को 110 सीटें मिली थी. जिसमें आरजेडी ने अकेले 75 सीटों पर जीत हासिल की और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आयी.