राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर कसा तंज, बोले- ये लुटेरों की सरकार है, इनको जाना ही होगा

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नई दिल्ली: तीन नये कृषि कानूनों और एमएसपी को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच जारी खींचतान अबतक चल ही रहा है. किसान नेता अब पूरे भारत में घूम-घूम कर किसानों को नये कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुट करने में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाना पड़ेगा और तीनों कृषि कानून वापस लेना पड़ेंगे. टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार बहुत से नए बिल लेकर आ रही है, उन पर सरकार को बात करनी होगी. ये लुटेरों की सरकार है, ये देश में नहीं रहेगी, इनको जाना पड़ेगा. किसान नेता ने कहा कि एमएसपी किसानों का हक है, जिसे वो लेकर रहेंगे. अपना हक पाने के लिए देशभर के किसानों को एक साथ आना होगा और इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना होगा. टिकैत ने कहा कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक किसान किसान आंदोलन जारी रहेगा. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जब एमएसपी पर कानून बनेगा तभी किसानों का भला होगा. बीते माह टिकैत ने हरियाणा के सोनीपत में हुई एक किसान महापंचायत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि जब लोग जमा होते हैं तो सरकारें बदल जाती हैं. टिकैत ने उन्हें चेताया था कि अगर तीन नए कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया गया तो सरकार का सत्ता में रहना मुश्किल हो जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कहा था कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात करने को तैयार हैं, लेकिन महज भीड़ जमा हो जाने से कानून रद्द नहीं होंगे. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है. कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं. किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है. 26 मार्च को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को चार महीने पूरे हो रहे हैं. किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है. वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है. केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ तीन महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है. 26 मार्च को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को चार महीने पूरे हो रहे हैं. किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं. केन्द्र सरकार इन तीनों नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट को ही लाभ पहुंचेगा.

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