नई दिल्ली: देश में कोरोना संकट को देखते हुए इस साल 12वीं कक्षा की परीक्षा कराया जायेगा या प्रमोट किये जायेंगे छात्र यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब 12वीं कक्षा का हर बच्चा, बच्चों के माता पिता, अध्यापक तथा CBSE ICSE तथा राज्यों के शिक्षा बोर्ड के अधिकारी जानना चाहते हैं. इस सवाल के जवाब पर फैसला लेने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक बुलाई है जिसमें 12वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर तमाम संभावनाओं पर बात की जाएगी. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी और राजनाथ सिंह भी शामिल है. बैठक में मौजूदा शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अस्वस्थ होने की वजह से भाग नहीं ले सके हैं. बैठक में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों सहित शिक्षा हुए. आपको याद दिला दें कि अटॉर्नी जनरल ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि सरकार कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने या नहीं करने के बारे में आगामी दो दिन में अंतिम फैसला दें. वहीं कल सुप्रीम कोर्ट में मौजूदा हालात के मद्देनजर भारतीय विद्यालय प्रमाण-पत्र परीक्षा परिषद(सीआईएससीई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी. सूत्रों के हवाले खबर मिली है कि अधिकतर राज्यों ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान प्रमुख विषयों के लिए कम अवधि की परीक्षा कराने के विकल्प को चुना है वहीं कुछ राज्यों ने परीक्षा से पहले छात्रों और शिक्षकों के टीकाकरण पर भी जोर दिया है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं कराने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है. बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किये हैं. इनमें एक में 19 प्रमुख विषयों के लिए अधिसूचित केंद्रों पर नियमित परीक्षाएं कराना या छात्रों के अध्ययन वाले स्कूलों में ही अल्पावधि की परीक्षाएं कराने के विकल्प हैं.