गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने पद से त्याग पत्र दिया

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गांधीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दें दिया है. उन्होंने राज्य के गवर्नर आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफा देने के बाद विजय रुपाणी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ये परंपरा रही है कि समय के साथ साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व भी बदलते रहते हैं. उन्होंने कहा कि ये हमारी पार्टी की विशेषता है कि जो दायित्व पार्टी द्वारा दिया जाता है पूरे मनोयोग से पार्टी कार्यकर्ता उसका निर्वहन करते हैं. विजय रुपाणी ने इस्तीफा देने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री के रूप में जो दायित्व का निर्वहन करने के बाद अब मैंने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देकर पार्टी के संगठन में नई ऊर्जा के साथ काम करने की इच्छा भी जताई है. मुझे पार्टी द्वारा जो भी ज़िम्मेवारी मिलेगी, उसका मैं संपूर्ण दायित्व और नए ऊर्जा के साथ पीएम मोदी जी के नेतृत्व में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के मार्गदर्शन में मैं अवश्य काम करता रहूंगा.” विजय रुपाणी ने इस दौरान गुजरात की जनता का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, “मैं गुजरात की जनता के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं कि विगत पांच वर्षो में हुए उपचुनाव या स्थानीय निकाय के चुनाव पार्टी और सरकार को गुजरात की जनता का अभूतपूर्व समर्थन, सहयोग और विश्वास मिला है. गुजरात की जनता का विश्वास भारतीय जनता पार्टी की ताकत भी बनी है और मेरे लिए लगातार जनहित में काम करते रहने की ऊर्जा भी उससे मिली है.” विजय रुपाणी ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रशासन की चार आधारभूत सिद्धातों – पारदर्शिता, विकासशीलता, निर्णायकता और संवेदनशीलता के आधार पर जनता की सेवा करने का प्रयत्न किया है. उन्होंने कहा कि इस काम में मंत्रिमंडल के सभी साथी, हमारे विधानसभा के सभी सदस्य, पार्टी के तमाम पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं जनता का संपूर्ण सहयोग मिला है. मैं सभी का सहयोग के लिए आभार प्रकट करता हूं. विजय रुपाणी गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने 7 अगस्त 2016 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और गुजरात की कमान अपने हाथ में ली थी. बता दें कि रुपाणी पश्चिम राजकोट से विधायक हैं. वो साल 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं. नवंबर 2014 में रुपाणी परिवहन मंत्री रहे थे. इसके अलावा वो गुजरात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. पहली बार वो 1987 में राजकोट नगर निगम के पार्षद चुने गए. इसके बाद 1996 में राजकोट के मेयर बने थे.

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