वाराणसी: आज 5 जून को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने अवधेश राय हत्याकांड केस में माफिया मुख़्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जो पहले से ही बांदा जेल में बंद है. एक लाख की जुर्माना भी लगाया गया है. वाराणसी के लहुराबीर क्षेत्र में 3 अगस्त, 1991 को अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मुख्तार अंसारी ने जब वारदात को अंजाम दिया था, उस दौरान वह विधायक नहीं था. चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मामले ने देश भर में खूब सुर्खियां बटोरी थी. इस हत्याकांड में मुख्तारी अंसारी आरोपी है. हथियारबंद हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर अवधेश राय को मौत के घाट उतार दिया था. अवधेश राय को को कबीर चौरा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मृतक के भाई और पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, राकेश समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में इसकी जांच सीबीसीआईदी को सौंप दी गई थी.
माफिया मुख्तार अंसारी ने जब वारदात को अंजाम दिया था, उस दौरान वह विधायक नहीं था. आज जब केस का फैसला आया है, तो भी वह विधायक नहीं है. केस की सुनवाई के दौरान जून 2022 में पता चला कि मामले की केस डायरी गायब हो गई है. वाराणसी से लेकर प्रयागराज तक के कोर्ट में डायरी की खोज की गई पर वह नहीं मिली. पूरे मामले की सुनवाई ज़ेरॉक्स के आधार पर की गई है. यह पहला मामला होगा, जब डुप्लीकेट कागजों के आधार पर फैसला सुनाया गया. 31 साल 10 महीने 2 दिन का समय लग गया फैसला आने में लेकिन आज दोपहर 2 बजे सजा की घोषणा हो गई.