नोएडा: मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के नेता राकेश टिकैत ने चुनाव लड़ने की संभावनाओं को इंकार करते हुए कहा कि 5 सितंबर को हम एक बड़ी पंचायत करेंगे, जिसमें किसान आंदोलन के लिए आगे की रणनीति बनाएंगे. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे, हम वोट की चोट देंगे. राकेश टिकैत को लेकर अनुमान लगाया जा रहा था कि वह चुनावी मैदान में उतरेंगे. पर समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राकेश टिकैत ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन वोट की चोट देंगे. गौरतलब है कि महीनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहा किसान आंदोलन अपनी मांग पर अडिग है. आंदोलनकारी किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार ने जो तीन नए कृषि कानून बनाए हैं उन्हें रद्द किया जाए. दूसरी तरफ, केंद्र सरकार का मानना है कि ये तीन कानून किसानों के हित में हैं, इन्हें नहीं हटाया जाएगा. अभी बीते दिनों भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को तेज करने की बात कही थी. उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा था, “सरकार मानने वाली नहीं है. इलाज तो करना पड़ेगा. ट्रैक्टरों के साथ अपनी तैयारी रखो. जमीन बचाने के लिए आंदोलन तेज करना होगा.” इस ट्वीट से ठीक एक दिन पहले भी राकेत टिकैत ने कहा था कि केंद्र सरकार यह गलतफहमी अपने दिमाग से निकाल दे कि किसान वापस जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान तभी वापस जाएगा, जब मांगें पूरी हो जाएंगी. हमारी मांग है कि तीनों कृषि कानून रद्द हों और एमएमसी पर कानून बने. बता दें कि कोरोना संकट के बीच दिल्ली बॉर्डर पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है.