पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है. मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि इस संबंध में एक पत्र भेजा हैं, लेकिन समय मिलेगा तब न. पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मुद्दे पर नीतीश ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में कोई मामला हैं तो सोचना क्या है. सुप्रीम कोर्ट इस मसले को देख रहा हैं तो फ़ैसला करेगा. जेडीयू के सांसदों के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि हमारे पार्टी के सांसदों ने लिखकर दिया, वहीं से आया. अमित शाह जी से भी उन लोगों ने बात की है और अपना पक्ष रखा है. राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के एक्टिव होने संबंधी प्रश्न को नीतीश ने हाथ जोड़कर टाल दिया. गौरतलब है कि इससे पहले भी नीतीश, जातिगत आधार पर जनगणना का मजबूती से समर्थन कर चुके हैं. जाति आधारित जनगणना पर उन्होंने पिछले सप्ताह मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘कोशिश होगी कि सब लोग मिलकर जाएं. अपनी बात को बिहार के अंदर जो सर्वसम्मति के प्रस्ताव है, उसके बारे में अपनी बात रख देनी चाहिए.’ सीएम नीतीश ने कहा था कि इस मसले पर क्या करना है, क्या नहीं करना है, यह तो केंद्र सरकार के ऊपर निर्भर है. इसलिए मिलने से मुझे नहीं लगता कि किसी को ऐतराज होना चाहिए. एक बात तो हो गई है, हम लोग सहमत हैं कि यह मिलना चाहिए. बातचीत कर ही लेंगे. जो भी बात होगी, बाद में सामने आएगा.’ इस सवाल पर कि बीजेपी का मानना है इससे सामाजिक तनाव होगा, नीतीश ने कहा था कि यह बिल्कुल गलत बात है. कोई तनाव नहीं है. समाज में खुशी होगी, यह अच्छी तरह जान लीजिए कि सभी वर्ग के लोगों का जातिगत जनगणना से सबका सेटिसफेक्शन प्राप्त होंगे.