ढाका: बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था और जेल भी गया था. पीएम मोदी ने कहा, “मेरी आयु 20-22 साल रही होगी जब मैने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था और उसके समर्थन में गिरफ्तारी भी दी थी जेल जाने का अवसर भी आया था. यहां पाकिस्तान की सेना ने जो जघन्य अपराथ किए वो तस्वीरें विचतिल करती थी, कई दिन तक सोने नहीं देती.” पीएम मोदी ने कहा, “एक निरंकुश सरकार अपने ही नागरिकों का जनसंहार कर रही थी, उनकी भाषा उनकी आवाज उनकी पहचान को कुचल रही थी, ऑपरेशन सर्चलाइट की उस क्रूरता की विश्व में उतनी चर्चा नहीं हुई है जितनी होनी चाहिए. इन सबके बीच यहां के लोगों और उन भारतीयों के लिए आशा के किरण थे बंगबंधू शेख मुजिबुर्रहमान, उनके हौंसले और उनके नेतृत्व ने यह तय कर लिया था कि कोई भी ताकत बांग्लादेश को गुलाम नहीं रख सकती.” पीएम मोदी ने कहा, “यह समय मुक्ति यु्द्धों की भावना को फिर से याद करने का समय है, बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत के कोने कोने से, हर पार्टी से , समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्त था. उस समय की प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी जी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सबसो ज्ञात है, उसी दौर में 6 दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था, हम न केवल मुक्ति संग्राम में आए, अपने जीवन की आहुति देने वालों के साथ लड़ रहे हैं लेकिन हम इतिहास को एक नई दिशा देने का भी प्रयत्न कर रहे हैं.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ढाका में बांग्लादेश के राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं से मुलाकात की, जिनमें अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधि तथा बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के मुक्ति योद्धा शामिल रहे. विदेश मंत्रालय के अनुसार मोदी ने सत्तारूढ़ ग्रैंड अलायंस के नेताओं से मुलाकात की, जिस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की गई.