लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि लोकतंत्र पर आए संकट को देखते हुए वोट से परिवर्तन की नई मंजिल तय करनी है. विजयदशमी का पर्व हमें यह संदेश देता है कि अहंकार और अत्याचार का परिणाम सदैव बुरा होता है. यह भी सुनिश्चित है कि बुराई और असत्य के मुकाबले हमेशा सत्य की जीत होती है और असत्य पराजित होता है. हमें इसलिए अपने आचरण में सद्भाव को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज संक्रमण के दौर से गुजर रहा है. संकीर्ण मानसिकता के चलते आपसी सौहार्द बिगड़ रहा है. अधिनायकशाही सोच से सरकारअसहमति की आवाज का दमन कर रही है. लोकतंत्र और सामाजिक समरसता को कमजोर करना ही भाजपा का मूल एजेंडा है. जनता के हित में भाजपा सरकार की नीतियां पूरी तरह विफल है. आज दशहरे के मौके पर सपा कार्यालय आए वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत महिलाओं व अल्पसंख्यकों आदि की बधाई स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि चंद महीने बाद ही प्रदेश की जनता को अपने भाग्य के निर्णय का अधिकार मिलेगा. इस मौके पर राजपुरोहित पण्डित हरि प्रसाद मिश्रा ने विजयदशमी पर अखिलेश यादव को ‘विजयी भव‘ का आशीर्वाद दिया और रक्षा सूत्र बांधा. उन्होंने कहा समय, परिस्थतियां ग्रह-नक्षत्र सब अखिलेश यादव के अनुकूल हैं.
अखिलेश यादव बोले-लोकतंत्र पर आए संकट को देखते हुए वोट से परिवर्तन की नई मंजिल तय करनी पड़ेगी
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