नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों को मोदी सरकार समर्थक बताते हुए कहा कि यह आंदोलन को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश है. किसान संगठनों ने कहा कि कमेटी के सदस्य भरोसेमंद नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने लेख लिखे हैं कि कृषि कानून किस तरह से किसानों के हित में हैं. कमेटी का गठन केंद्र सरकार की चाल है. किसान नेताओं ने ऐलान किया कि वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और इसे जारी रखेंगे. वही किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”हम किसी भी कमेटी के सामने उपस्थित नहीं होंगे. हमारा आंदोलन तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ है. हमने सुप्रीम कोर्ट से कमेटी बनाने का कभी अनुरोध नहीं किया और इसके पीछे सरकार का हाथ है.” किसान संगठनों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने आप ही कृषि कानूनों को रद्द कर सकता है.
किसान नेताओं ने कहा, ”कमेटी में शामिल लोगों के जरिए सरकार यह चाहती है कि कानून रद्द ना हो. वहीं, 26 जनवरी का कार्यक्रम अपने तय समय के अनुसार होगा. वह शांतिपूर्ण होगा और उसके बाद भी आंदोलन जारी रहेगा” उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि हम लाल किला फतह करने जा रहे है. हम लाल किला नहीं जा रहे हैं. इसकी रूपरेखा 15 जनवरी को रखेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगाते हुए इस पर कमेटी के गठन का आदेश दिया है. इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला किया है. मीडिया के जरिए उसका पता चला है. अभी तक हमें ऑर्डर की कापी नहीं मिली है. हमें लगता है कि यह सरकार की शरारत है. वह अपने ऊपर से दबाव कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए कमेटी ला रही है. हम ऐसी कमेटी सामने पेश नहीं होंगे. हमारा आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा.” वही संवाददाता सम्मेलन में एक और किसान नेता रविंद्र पटियाला ने दावा किया कि कमेटी के सदस्य अशोक गुलाटी कानून को सही ठहराते रहे हैं. उन्होंने कहा, ”समिति के सदस्य अशोक गुलाटी तो हमेशा ही इस कानून को सही ठहराता ररहे हैं. ऐसे में हम कैसे मान लेंगे कि वह हमारी बात सुनेंगे. हम इस तरह की कमेटी को नहीं मानेंगे. इस कमेटी का गठन हमारे आंदोलन व मांग को ठंडे बस्ते में डालना है. हमारा संघर्ष बढ़ेगा. हमारा आंदोलन जारी रहेगा. शांतिपूर्ण आंदोलन चलता रहेगा. जब तक तीन कृषि कानून रद्द नहीं हो जाता.
SC के आदेश और समिति गठन के बाद किसान नेता बोले- कमेटी के सभी सदस्य मोदी सरकार के समर्थक
