पश्चिम बंगाल में सियासी लड़ाई, नड्डा और ममता के बीच वार-पलटवार, नड्डा बोले-जनता चाहती बदलाव, ममता ने कहा किसानों का हक मार रहा केंद्र सरकार

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव अब धीरे धीरे निकट आने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोपों का दौर तेज होता जा रहा है. इसी क्रम में आज राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों की सत्यापित सूची भेजे जाने के बावजूद केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने राज्य में किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत रुपये नहीं दिये हैं. वही बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह झूठे दावे कर रही है कि वह किसानों को रुपये नहीं दे रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार प्रत्येक किसान को पांच हजार रुपये दे रही है और उसने मुफ्त फसल बीमे की भी व्यवस्था की है. मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में सूचित किया था कि केंद्र सरकार द्वारा सत्यापन के लिए भेजे गए किसानों के छह लाख आवेदनों में से राज्य सरकार ने जरूरी काम करने के बाद ढाई लाख नामों की सूची वापस भेजी थी. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व वर्धमान जिले के कल्ना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने पश्चिम बंगाल में सभी किसानों को सहायता प्रदान की है और राज्य में किसानों की स्थिति कई अन्य राज्यों के कृषकों से बेहतर है. उन्होंने कहा, ‘नए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए और आंदोलन को हमारा समर्थन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि यह हासिल नहीं हो जाता.’ तृणमूल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने के बीच बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों ने गलत काम किये हैं, वे पार्टी छोड़ रहे हैं. जबकि उधर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पश्चिम बंगाल में एक रैली के दौरान कहा कि राज्य की जनता अब बदलाव चाहती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की परिवर्तन यात्रा ममता बनर्जी के शासन के खिलाफ निकाली जा रही है. पीएम मोदी ने लोगों के साथ न्याय किया तो वहीं ममता बनर्जी ने उन्हें धोखे में रखा. वो मां, माटी, मानुष के बारे में बात करती हैं. लेकिन ममता बनर्जी के शासन काल में मांओं का सम्मान नहीं हुआ, माटी की रक्षा नहीं हुई और मानुष के लिए कुछ भी नहीं किया गया.

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