नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज जानकारी दी कि अगले तीन महीनों के अंदर दिल्ली में 18 साल से अधिक उम्र के सभी वयस्कों को कोविड-19 वैक्सीन लगाने के लिए एक योजना तैयार की गई है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि वैक्सीन लगाने के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन सेंटर्स की स्थापना की जाएगी और पात्र लोगों को टीका लगवाने के लिए आगे आना चाहिए. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. दिल्ली में तीसरे चरण में 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के लोगों के टीकाकरण के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दिल्ली में मुफ्त में कोविड-19 टीका लगेगा. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने विभिन्न उत्पादकों से 1.34 करोड़ टीका खुराकों की खरीद को मंजूरी दी है. वही दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज कहा कि 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए दिल्ली के पास वैक्सीन नहीं हैं और इनकी खरीद के लिए ऑर्डर दे दिए गए हैं. हालांकि, मंत्री ने कहा कि इस श्रेणी में आने वाले लोगों को टीका देने की तैयारी पूरी हो चुकी है. जैन ने 18-44 आयु वर्ग के लिए पर्याप्त वैक्सीन होने के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “फिलहाल, हमारे पास वैक्सीन नहीं हैं. हमने कंपनियों से इन्हें उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.” एक मई से इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करने के बारे में पूछे गए दूसरे सवाल पर उन्होंने कहा कि हम एक या दो दिन में आपको इसकी जानकारी दे देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उत्पादकों ने दिल्ली सरकार को फिलहाल टीका आपू्र्ति कार्यक्रम उपलब्ध नहीं कराया है. जबकि एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को न्यूज एजेंसी भाषा को बताया था कि 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण मध्यम गति से शुरू होगा और बाद में इसे तेज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार को कई चरणों में वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी. निजी अस्पतालों को सीधे कंपनियों से वैक्सीन खरीदनी होंगी. केंद्र सरकार 45 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराना जारी रखेगी. लाभार्थियों की संख्या बढ़ने से अधिक टीका केंद्रों की स्थापना पर अधिकारी ने कहा था कि थोड़ा बहुत विस्तार किया जा सकता है, लेकिन कुल मिलाकर संख्या समान ही रहेगी. वर्तमान में राजधानी में करीब 500 केंद्रों में वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. वहीं, जैन ने पिछले कुछ दिनों में जांच कम होने के पीछे लॉकडाउन के कारण लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित होने को कारण बताया। राजधानी में स्वास्थ्य अधिकारी पिछले कुछ दिनों से हर दिन 75,000 जांच कर रहे हैं. इससे पहले, जांच की औसत संख्या करीब एक लाख थी.