पटना: बिहार में आज 23 जून को 15 विपक्षी दलों की बैठक हुई.जिसमे विपक्षी एकता पर सहमति बनी. ये बैठक करीब चार घंटे तक चली. इस बैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए. बैठक में नीतीश कुमार, राहुल गांधी, ममता बनर्जी , एमके स्टालिन, मल्लिकार्जुन खड़गे, भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल, आदित्य ठाकरे आदि लोग शामिल थे. मीटिंग समाप्त के बाद नेताओं ने साझा प्रेस वार्ता की. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने प्रेस वार्ता की शुरूआत करते हुए कहा कि ये काफी अच्छी मुलाकात हुई है एक साथ चलने की सहमति हुई है. कुछ ही दिनों के बाद सब पार्टी की एक और बैठक की जाएगी. एक साथ चुनाव लड़ने पर सहमति हुई है. नीतीश कुमार ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे अगली मीटिंग करेंगे. संभावित तौर पर अगले महीने ये बैठक होगी. नीतीश कुमार ने कहा कि अभी जो भी शासन में हैं देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं. राज्यों और सरकार के बारे में चुनौतियां आती है उस विषय पर भी चर्चा हुई.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- चुनाव लड़ने का कॉमन एजेंडा तैयार कर रहें हैं. अगले महीने जुलाई में शिमला में बैठक होगी.
अभी तारीख तय नहीं की गई है. बैठक कर इसमें आगे का एजेंडा बनाया जायेगा. वही मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है. कुछ समय बाद फिर बैठक होगी. राहुल गांधी ने कहा कि हम सब अच्छे तरीके से आगे बढ़ने जा रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम सब एक साथ हैं, हम एक साथ लड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को विपक्षी कहना बंद किया जाना चाहिए, क्योंकि हम भी देश के नागरिक हैं, देशभक्त हैं. उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर तानाशाह होने का आरोप लगाया, और कहा कि जो लोग भी केंद्र के विरोध में होते हैं, उनके पीछे ED-CBI को लगा दिया जाता है. ममता बनर्जी ने कहा कि सभी विपक्षी दल एकजुट हैं, और भाजपा का अत्याचार और तानाशाही को खत्म करने का इरादा है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) नेता डी. राजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र पर बरसते हुए कहा कि बीजेपी का नौ साल का शासन भारतीय संविधान के लिए ‘विनाशकारी व हानिकारक’ बनकर रह गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) नेता उमर अब्दुल्ला का कहना था कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक की 17 पार्टियां सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सिद्धांतों के चलते एक साथ आई हैं.