नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का रविवार सुबह 6.55 Am को निधन हो गया. वे 82 साल के थे. उन्हें दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में 25 जून को भर्ती कराया गया था. उनका मल्टीअर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम के साथ सेप्सिस का इलाज किया जा रहा था. रविवार को सुबह उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया. उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी.
यशवंत सिंह के निधन पर पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ ने दुख जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि जसवंत सिंह जी ने पूरी लगन के साथ हमारे देश की सेवा की.पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान. पीएम ने कहा कि अटल जी की सरकार के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और विदेश मामलों की दुनिया में एक मजबूत छाप छोड़ी. उनके निधन से दुखी हूं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने राजस्थान में बीजेपी को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना.
आपको बता दें जसवंत सिंह 1960 में सेना में मेजर के पद से इस्तीफा देकर राजनीति के मैदान में उतरे थे. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में वह अपने करियर के शीर्ष पर थे. 1998 से 2004 तक NDA के शासनकाल में जसवंत ने वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालयों का नेतृत्व किया था. जसवंत सिंह का राजनीतिक करियर कई उतार-चढ़ाव से गुजरा और इस दौरान विवादों से उनका चोली दामन का साथ रहा. 1999 में एयर इंडिया के अपहृत विमान के यात्रियों को छुड़ाने के लिए आतंकवादियों के साथ कंधार जाने के मामले में उनकी काफी आलोचना हुई. यशवंत सिंह 2009 तक राज्य सभा में विपक्ष के नेता रहे और गोरखालैण्ड के लिए संघर्ष करने वाले स्थानीय दलों की पेशकश पर दार्जिलिंग से चुनाव लड़े और जीत भी दर्ज की थी.