पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा- हमारे किसान आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं

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मन की बात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 69वां एपिसोड आज रविवार को प्रस्तुत किया. जिसमें पीएम मोदी ने अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा ग्रामीण-युवा, सीधे बाज़ार में, खेती और बिक्री की प्रक्रिया में शामिल होते हैं – इसका सीधा लाभ किसानों को होता है, गाँव के नौजवानों को रोजगार प्राप्त होता है. आगे पीएम मोदी ने कहा पुणे और मुंबई में किसान साप्ताहिक बाज़ार खुद चला रहे हैं. इन बाज़ारों में, लगभग 70 गाँवों के, साढ़े चार हज़ार किसानों का उत्पाद, सीधे बेचा जाता है – कोई बिचौलिया नहीं है. आगे बोले क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको, कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं! विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब, हमारी नयी पीढ़ी को, कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं. भारत में किस्सागोई की परंपरा रही है. हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी हैं, जहां ‘हितोपदेश’ और ‘पंचतंत्र’ की परंपरा रही है. मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, इस संकट ने परिवारों को जोड़ने का काम किया है. इस दौरान बहुत से परिवारों को दिक्कतें आ रही हैं. पीएम मोदी ने पिछले मन की बात कार्यक्रम में लोकल के लिए वोकल बनने की अपील की थी. खासकर खिलौना निर्माण में भारतीय लोगों को आगे आने की अपील की थी. पीएम मोदी ने लखनऊ के ‘इरादा फार्मर प्रोडयूसर’ किसान समूह की कहानी… इन्होंने भी, लॉकडाउन के दौरान किसानों के खेतों से, सीधे, फल और सब्जियाँ ली, और, सीधे जा करके, लखनऊ के बाज़ारों में बेची, बिचौलियों से मुक्ति हो गई और मन चाहे उतने दाम उन्होंने प्राप्त किये. मन की बात में पीएम मोदी ने कहा- साथियो, तीन–चार साल पहले ही, महाराष्ट्र में, फल और सब्जियों को APMC के दायरे से बाहर किया गया था. इस बदलाव ने कैसे महाराष्ट्र के फल और सब्जी उगाने वाले किसानों की स्थिति बदली, इसका उदाहरण हैं, Sri Swami Samarth Farmer’s producer company limited – ये किसानों का समूह है. जानते हैं, इन किसानों के पास क्या अलग है. अपने फल-सब्जियों को, कहीं पर भी, किसी को भी, बेचने की ताकत है, और ये ताकत ही, उनकी, इस प्रगति का आधार है. अब यही ताकत, देश के दूसरे किसानों को भी मिली है. आप सोचिये, कितने नौजवानों को उन्होंने रोजगार दिया, और मज़ा ये है, कि, बिचौलियोँ ना होने के कारण, किसान को भी लाभ हुआ, और, उपभोक्ता को भी लाभ मिला. पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे, कई ऐसे किसानों की चिट्ठियां मिलती हैं, किसान संगठनों से मेरी बात होती है, जो बताते हैं कि कैसे खेती में नए-नए आयाम जुड़ रहे हैं, कैसे खेती में बदलाव आ रहा है. हरियाणा के सोनीपत जिले के हमारे एक किसान भाई श्री कंवर चौहान जी की प्रेरक कहानी… उन्होंने बताया है कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियाँ बेचने में बहुत दिक्कत आती थी. अगर वो मंडी से बाहर, अपने फल और सब्जियाँ बेचते थे, तो, कई बार उनके फल, सब्जी और गाड़ियाँ तक जब्त हो जाती थी. लेकिन, 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका, उन्हें और आस-पास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ. पीएम मोदी ने कहा, ‘आज, श्री कंवर चौहान जी और उनके गाँव के किसान sweet corn और baby corn की खेती से, ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं… इतना ही नहीं, इसी गाँव के 60 से अधिक किसान, net house बनाकर, Poly House बनाकर, टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, इसकी, अलग-अलग variety का उत्पादन करके, हर साल प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रूपये तक की कमाई कर रहें हैं.’ वहीं कृषि सुधार से जड़े विधायकों को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे यहां कहा जाता है, जो ज़मीन से जितना जुड़ा होता है, वो, बड़े-से-बड़े तूफानों में भी उतना ही अडिग रहता है. कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण हैं. संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमख़म दिखाया है. साथियो, देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गाँव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी. बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है.’ मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आप लोग ज़रूर इस काम को करेंगे. कहानी कहने की ये कला देश में और अधिक मजबूत बनें, और अधिक प्रचारित हो और सहज बने, इसलिए, आओ हम सब प्रयास करें.’

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