पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी दल आवाजाही सुरु हो गयी है. इसके बीच पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एनडीए के साथ होने का फैसला ले लिया है. तमाम कयासों और अटकलों पर विराम लगाते हुए बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी एक दो दिन में ही एनडीए (NDA) में शामिल होंगे. इसकी जानकारी HAM पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने दी है. दानिश रिजवान ने कहा है कि अब एक दो दिन में ही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए का हिस्सा बन जाएगा और जीतन राम मांझी इसकी विधिवत घोषणा करेंगे. दानिश ने कहा कि हम एनडीए के हाथ विकास के लिए थामने जा रहे हैं, ऐसे में हमारे लिए सीट शेयरिंग कोई मुद्दा नहीं है. इससे पहले मंगलवार को जो जानकारी मिली थी उसके मुताबिक मांझी और जेडीयू के बीच एमएलसी की एक सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ था. हालांकि, इस बात के शुरू से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सीट शेयरिंग को सुलझा कर मांझी फिर से अपने पुराने घर पर वापस लौट रहे है. जीतन राम मांझी के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी बिहार में जेडीयू कोटे की 9-12 सीटों पर अपने उम्मीदवार देगी जिसमें अधिकांश सीटें मगध क्षेत्र का हिस्सा होंंगी. मांझी फिलहाल अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं. नीतीश कुमार से हुई मुलाकात में जीतन राम मांझी ने साफ तौर पर बता दिया है कि वो विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, जबकि नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही है. नीतीश कुमार चाहते हैं कि जीतन राम मांझी विधानसभा का चुनाव आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी के खिलाफ लड़ें. गौरतलब है कि 2015 के चुनाव में भी मांझी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. सूत्रों के जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को चुनाव लड़ने के लिए मना लिया है.