नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रसोई गैस और डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमत को लेकर मोदी सरकार पर ‘जबर्दस्त हमला’ बोला है. आज एक प्रेस कॉन्फ्रेस में उन्होंने कहा कि सच में जीडीपी बढ़ रही है.राहुल ने कहा GDP का मतलब गैस डीज़ल पेट्रोल की क़ीमत बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के शासन काल में जीडीपी बढ़ने का मतलब ग्रास डोमिस्टिक प्रोडशन या सकल घरेलू उत्पाद नहीं है बल्कि ‘गैस, डीजल पेट्रोल की कीमत बढ़ रही है’ से है. ‘मोनेटाइजेशन’ और डीमोनेटाइजेशन को लेकर भी केंद्र सरकार पर तंज कसा. राहुल ने कहा कि मोदी के शासन काल मे किसानों, मध्य वर्ग, सैलरी क्लास और मजदूरों का डीमोनेटाइजेशन’ हो रहा है जबकि मोनेटाइजेशन ‘केवल हम दो हमारे दो’का ही हो रहा है. आशय साफ है मोदी के मित्र दो-चार उद्योगपति ही फलफूल रहे हैं. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, ‘मोदी जी ने पहले कहा था कि मैं डिमोनेटाइजेशन कर रहा हूं. वित्त मंत्री कहती रहती हैं कि मैं मोनेटाइजेशन कर रही हूं. किसानों, मज़दूरों, छोटे दुकानदार, एमएसएमई, सैलरीड क्लास, सरकारी कर्मचारियों और ईमानदार उद्योगपतियों का डीमोनेटाइजेशन हो रहा है. दो चार बड़े उद्योगपतियों का मोनेटाइजेशन हो रहा है.’ राहुल ने कहा कि डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ने का सीधा असर आम लोगों पर पड़ता है. इससे आम जरूरत की चीजों का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज बढ़ता है और फलस्वरूप महंगाई में इजाफा होता है.पेट्रो उत्पादों के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 2014 से नीचे हैं लेकिन भारत में दाम बढ़ रहे हैं. पेट्रोल 2014 में यूपीए सरकार के समय 71.5 रुपये प्रतिलीटर था, अब यह छलांग मारते हुए करीब 101 tरुपये प्रति लीटर पहुंच गया है. इसी तरह डीजल 57 रुपये प्रतिलीटर से बढ़कर 88 रुपये प्रतिलीटर हो गया है. राहुल से जब पूछा गया कि बीजेपी जब विपक्ष में थी तो कहा जाता था कि यह पार्टी सत्ता में आयी तो पेट्रोल डीज़ल 30-35 रुपये लीटर हो जाएगा, आपकी पार्टी (कांग्रेस) सत्ता में आई तो पेट्रोल कितने रुपये का कर देगी? इस सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि जब हम सत्ता में थे तो हमने कर दिखाया था. कच्चे तेल की क़ीमत गिर गई है लेकिन पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतों में बढ़ोतरी लगातार जारी है.