नई दिल्ली: तीनों नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे कुछ किसान संगठनों ने 26 मार्च को भारत बंद किया है. इस दौरान रेल और सड़क परिवहन सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है. इसके अलावा देश के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को बाजार बंद हो सकता हैं. किसान संगठनों ने चुनावी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में बंद से अलग रखा है. संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, देशव्यापी बंद सुबह 6 बजे शुरू होगा और यह 26 मार्च को शाम 6 बजे तक रहेगा. वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सड़क और रेल परिवहन अवरुद्ध हो जाएगा. उन्होंने दावा किया है कि बाजार भी बंद रहेंगे. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बंद की बात कही है. राजेवाल ने कहा कि संगठित और असंगठित क्षेत्रों के ट्रेड यूनियनों, और अन्य संगठनों ने 26 मार्च को किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ को अपना समर्थन दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, “किसान विभिन्न स्थानों पर रेल पटरियों को अवरुद्ध करेंगे. बाजार और परिवहन सेवाएं बंद होंगी.’ उन्होंने कहा कि देशव्यापी बंद के दौरान एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को जारी रहेगा. मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में डेरा डाले हुए हैं. वे तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने और अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के लिए कानून की मांग कर रहे हैं. वही देश में 8 करोड़ व्यापारियों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाले कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा कि 26 मार्च को बाजार खुले रहेंगे क्योंकि संगठन ‘भारत बंद’ में भाग नहीं ले रहा है. इनका कहना है कि दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे. सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ”गतिरोध को केवल बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है. कृषि कानूनों में संशोधन पर चर्चा होनी चाहिए.