नये कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच 30 दिसंबर को बैठक

Spread the news

दिल्ली: केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक 30 दिसंबर को होगी. केंद्र सरकार की ओर से कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. इस से पहले किसानों ने सरकार से 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बातचीत का प्रस्ताव भेजा था. किसान संगठनों ने कहा है कि वह 30 दिसंबर को बातचीत के लिए आएंगे. बातचीत विज्ञान भवन में होगी. विज्ञान भवन में दोनों के बीच आखिरी बातचीत 5 दिसंबर को हुई थी. हालांकि सरकार और किसान संगठनों के बीच आखिरी बार 8 दिसंबर को वार्ता हुई थी जब गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से करीब ढाई घंटे तक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में मुलाकात हुई थी. वैसे अब तक हुई सभी बैठक बेनतीजा साबित हुई है. इसकी वजह ये है कि किसान संगठन जहां तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं वहीं सरकार कानून वापस लेने को तैयार नहीं है. हालांकि सरकार ने किसानों के सामने इन कानूनों के कुछ बिंदुओं में बदलाव का प्रस्ताव रखा था जिसे किसानों ने अस्वीकार कर दिया. वह कानून वापस लिए जाने से कम पर मानने को तैयार नहीं है. ऐसे में 30 दिसंबर की बैठक के नतीजे को लेकर भी उम्मीदें लगाना जल्दबाजी होगी. कहने को तो दोनों ही पक्ष बैठक को लेकर सकारात्मक बातें कह रहा है लेकिन अपने-अपने रूप में ज्यादा बदलाव करने को तैयार नहीं है. आज भी कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह तीनों कानून किसानों के हित में है और योजना के तहत किसानों के मन में भ्रम पैदा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि किसान एक दिन सच को समझेंगे क्योंकि झूठ की दीवार ज्यादा बड़ी नहीं होती है. हालांकि उन्होंने ये भी जोड़ा कि वो बातचीत के जरिए किसानों की शिकायत दूर करने को तैयार हैं. उधर किसान संगठनों का कहना है कि उनकी ओर से सरकार को चार स्पष्ट मांगे दी गई हैं. जिनमें सबसे पहला कानूनों को वापस लेने से जुड़ा है. लेकिन उनके अनुसार कृषि सचिव ने जो आमंत्रण पत्र भेजा है उसमें कानूनों को वापस लिए जाने की प्रक्रिया का कहीं जिक्र नहीं किया गया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *