भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार पिछले कुछ दिनों से कमी दिखाई दें रही है. इसको ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य को अनलॉक करने की प्रक्रिया के बारे में घोषणा की. चौहान ने बताया कि यह प्रक्रिया 1 जून से शुरू की जाएगी. अब मध्य प्रदेश में लॉकडाउन हटेगा. कोरोना वायरस को लेकर मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों में 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू लागू है, जिसमें लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं. पिछले कई बार यह एक-एक हफ्ते करके बढ़ाया जा चुका है. राज्य सरकार का मानना है कि कोरोना कर्फ्यू की वजह से मध्य प्रदेश में कोरोना की संक्रमण रोकने में मदद मिली है. कुछ समय में ही पॉजिटिविटी रेट और प्रतिदिन के मामले तेजी से कम हुए हैं. कैबिनेट मीटिंग में बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ”मध्य प्रदेश कोविड -19 पर नियंत्रण पाने के कगार पर है. साथियों, यह आपकी मेहनत के साथ-साथ जनता के प्रयासों, संकट प्रबंधन समिति और प्रशासन के कारण संभव हो पाया है.” चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश ने मंगलवार को केवल 2424 नए कोरोना के मामले मिले है. जबकि 7,373 लोगों को हॉस्पिटल से छुटकारा मिला है. राज्य की रिकवरी दर 92.68% हो गई है और 15 जिलों में 10 से कम मामले सामने आ रहे हैं. राज्य में मंगलवार के मामले की संख्या सोमवार की तुलना में 512 कम है. एक दिन पहले 2936 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए थे. पिछले हफ्ते, मध्य प्रदेश में प्रतिदिन 3,000-5,000 नए केस मिलते थे. भारत में महामारी की आगामी तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच, मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए एक प्रक्रिया तैयार की जानी चाहिए और जो मंत्री जिलों के प्रभारी भी हैं, उन्हें संबंधित संकट प्रबंधन समिति से बात करनी चाहिए और योजना बनानी चाहिए कि कैसे कर्फ्यू खुलेगा. चौहान ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति सुपर स्प्रेडर न बने, प्रतिदिन कोविड -19 के लिए 75,000-80,000 नमूनों की टेस्टिंग चलती रहेगी. सीएम चौहान ने एक बार फिर राज्य के निवासियों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने, हाथ धोने और साफ करने जैसे उचित व्यवहार का पालन करने की अपील की और कहा कि यही एकमात्र तरीका है जिससे मामलों में गिरावट शुरू होगी. आगे चौहान ने कहा, ”अगर कोविड -19 से संक्रमित कम लोग हैं, तो कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग का पता लगाने और कोविड देखभाल केंद्रों में उनके इलाज की व्यवस्था की जाएगी.’