मुंबई: हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन के गृह विभाग ने 13 हजार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी में वांछित मामले को लेकर भारत को प्रत्यर्पित करने की अनुमति प्रदान कर दी है. अधिकारियों ने आज यह जानकारी दी. नीरव मोदी पर अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी करने का आरोप है. उल्लेखनीय है कि बीते 25 फरवरी को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी. अदालत के फैसले की जानकारी ब्रिटेन के गृह विभाग को दी गई जिसके आधार पर नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए अनुमति दी गई. ब्रिटेन की अदालत में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भारत को सफलता मिली है. ब्रिटेन की अदालत में ये कानूनी लड़ाई करीब 2 साल तक चली थी. भारत लाए जाने के बाद नीरव मोदी को मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा. सीबीआई के एक अधिकारी के हवाले से ANI ने जानकारी दी है कि नीरव मोदी को भारत लाने की मंजूरी मिल गई है. उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के गृहमंत्री ने इस बात को मंजूरी दे दी है. नीरव मोदी को जल्द ही भारत लाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. खास बात है कि नीरव मोदी के बाद सीबीआई ने उसके भाई निहाल मोदी पर भी शिकंजा कसा था. 25 फरवरी को ब्रिटेन की कोर्ट ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला सुनाया था. आरोपी के लिए मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में खास सेल तैयार कराया गया है. एक जेल अधिकारी ने बताया कि भारत लाने के बाद नीरव मोदी को बैरक नंबर 12 की तीन सेल में से किसी एक में रखा जाएगा. ये हाई सिक्योरिटी बैरक है. आरोपी नीरव मोदी स्कॉटलैंड यार्ड की तरफ से जारी प्रत्यर्पण वारंट पर 19 मार्च 2019 के बाद से ही जेल में हैं. 11 मई 2020 को लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर पहली बार सुनवाई की गई थी. नीरव मोदी की टीम का नेतृत्व बैरिस्टर क्लेयर मॉन्टोग्मेरी कर रही थीं. इसके अलावा कोरोना वायरस के दौर में भी सीबीआई को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.