जयपुर: राजस्थान में कोरोना के टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में टीका नहीं लगवाने वाले फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं जैसे कि पुलिलवालों को इसका कारण बताना होगा. राज्य के अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार से शुरू होने वाले दूसरे चरमण में पुलिस, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, राजस्थान सशस्त्र कांस्टेबल और जेल विभाग के कर्मियों का टीकाकरण किया जाना है. बता दें कि राजस्थान में 16 जनवरी के बाद से अब तक 3.36 लाख से अधिक चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को राजस्थान में टीका लगाया गया. यह लक्ष्या 5.47 का था. राज्य में अब तक टीकाकरण के दौरान कुल 157 प्रतिकूल घटनाएं सामने आई हैं.पुलिस विभाग, नगर पालिकाओं, जिला परिषद और राजस्व विभाग के कर्मियों के लिए 6 फरवरी से टीकाकरण शुरू होगा. वही गृह विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र में, जयपुर और जोधपुर के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और पुलिस आयुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे टीकाकरण से इनकार करने के किसी भी कारण के लिए फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं से पूछें. वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पहले कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाए. टीकाकरण से इनकार करने वाले किसी भी कर्मचारी को टीकाकरण केंद्र में लाया जाना चाहिए और मना करने का कारण पूछा जाना चाहिए. जबकि गृह विभाग के विशेष सचिव वी. सरवण कुमार ने कहा, “यदि कर्मचारी किसी गलत धारणा या टीके के दुष्प्रभावों से संबंधित अफवाह के कारण भयभीत या डरे हुए हैं, तो उन्हें आश्वस्त किया जाना चाहिए.” उन्होंने कहा कि CoWin एप्लिकेशन पर किसी भी फ्रंटलाइन कर्मियों द्वारा वैक्सीन लेने से इनकार करने के कारण को सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है. अगर किसी कारणवश उनका स्लॉट छूट जाता है तो फ्रंटलाइन वर्कर्स के पास टीकाकरण की अगली तारीख को टीका लगाने का मौका होगा. टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों को दी गई है. गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि लगभग 30 करोड़ लोगों को कोरोना टीकाकरण में शामिल किया जाए.